1. आईआरडीएआई ने विदेशियों को बीमा कंपनी के वरीयता शेयर और अधीनस्थ ऋण में निवेश करने की अनुमति दी
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बीमा क्षेत्र के नियामक भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने विदेशी निवेशकों को भारतीय बीमा कंपनियों द्वारा जारी वरीयता शेयरों(preference shares) और अधीनस्थ ऋण(Subordinated debt) में निवेश करने की अनुमति दे दी है।
नियामक ने अब भारतीय बीमा कंपनियों द्वारा जारी अधीनस्थ ऋण को भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध करने की भी अनुमति दी है। हालांकि,उन्हें विदेशी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता है।
यदि अधीनस्थ ऋण ,जीवन बीमा कंपनियों, सामान्य बीमा कंपनियों या पुनर्बीमा कंपनियों द्वारा जारी किया जाता है तो अधीनस्थ ऋण की परिपक्वता अवधि 10 वर्ष से कम नहीं होगी ।
स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के द्वारा जारी की गई अधीनस्थ ऋण के लिए परिपक्वता अवधि सात वर्ष से कम नहीं होगी ।
अधीनस्थ ऋण क्या है?
अधीनस्थ ऋण एक असुरक्षित ऋण है जो संपत्ति या आय पर दावों के संबंध में अन्य ऋणों या प्रतिभूतियों जिसे वरिष्ठ प्रतिभूतियां भी कहा जाता है, से नीचे रैंक करता है। अधीनस्थ ऋण को जूनियर सिक्योरिटीज भी कहा जाता है।
इसका मतलब यह है कि अगर कर्ज लेने वाला कर्ज चुकाने में चूक करता है तो कर्ज लेने वाले की सभी संपत्तियां जो जमानत के रूप में रखी गई हैं, बेच दी जाएंगी। संपत्तियों को बेचकर जो पैसा आएगा , उसका भुगतान पहले वरिष्ठ बांड धारकों को किया जाएगा और उसके बाद ही अधीनस्थ ऋण धारकों को भुगतान किया जाएगा।
वरीयता शेयर क्या है?
शेयर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। इक्विटी शेयर या सामान्य शेयर और वरीयता शेयर।
इक्विटी शेयरधारकों के विपरीत वरीयता शेयर धारकों को वोट देने का अधिकार नहीं होता है। हालाँकि लाभांश के भुगतान के मामले में वरीयता शेयरधारकों को पहले लाभांश का भुगतान किया जाता है और फिर इक्विटी शेयरधारकों को भुगतान किया जाता है।
लाभांश कंपनी द्वारा अर्जित किये गए लाभ का वह हिस्सा होता है जो कंपनी अपने शेयरधारकों के बीच बांटती है।
बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 74% है।
आईआरडीएआईके अध्यक्ष: देबाशीष पांडा
आईआरडीएआई का मुख्यालय: हैदराबाद
2. इरडा ने एक्सिस बैंक पर 2 करोड़ रुपये और मैक्सलाइफ बीमा कंपनी पर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
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बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने एक्सिस बैंक-मैक्स लाइफ सौदे में अपने नियमों के उल्लंघन के लिए 14 अक्टूबर 2022 को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी पर 3 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक पर 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
बीमा नियामक संस्था ने कहा कि एक्सिस बैंक और मैक्स फाइनेंशियल के बीच 2021 का वित्तीय लेनदेन आईआरडीएआई कोड का उल्लंघन है।
मामला क्या था
आईआरडीएआई के अनुसार "एक्सिस बैंक ने मार्च 2021 में मैक्स लाइफ के 0.998 प्रतिशत शेयरों की अपनी हिस्सेदारी एमएफएसएल (मैक्स फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड) और एमएसआई (मित्सुई सुमितोमो इंटरनेशनल) को 166 रुपये प्रति शेयर पर बेच दी।
बाद में, मार्च-अप्रैल 2021 में, एक्सिस बैंक और उसके समूह की संस्थाओं ने एमएफएसएल से 31.51 रुपये से 32.12 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर 12.002 प्रतिशत शेयर हासिल किए। यह प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में नहीं है।"
इसलिए आईआरडीएआई ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के शेयरों में लेनदेन के माध्यम से और अन्य मानदंडों के उल्लंघन में पर्याप्त मात्रा में अनुचित लाभ अर्जित करने के लिए एक्सिस बैंक पर 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी पर भी इसी मामले में आईआरडीएआई मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
वर्तमान में, एक्सिस बैंक और उसकी दो सहायक कंपनियां - एक्सिस कैपिटल लिमिटेड और एक्सिस सिक्योरिटीज लिमिटेड - सामूहिक रूप से पिछले साल अप्रैल में सौदे की मंजूरी के बाद मैक्स लाइफ इंश्योरेंस का 12.99 प्रतिशत हिस्सा के मालिक हैं।
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी मैक्स इंडिया लिमिटेड और एक्सिस बैंक के बीच एक संयुक्त उद्यम है। नई दिल्ली स्थित बीमा कंपनी ने 2001 में अपना संचालन शुरू किया।
प्रशांत त्रिपाठी मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के सीईओ हैं ।
बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई)
यह भारत में बीमा क्षेत्र का नियामक है। इसे 1999 में स्थापित किया गया था।
इसे बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 के तहत अप्रैल 2000 में एक वैधानिक निकाय बनाया गया था।
बीमा सुधार पर आरएन मल्होत्रा समिति की सिफारिश पर आईआरडीएआई की स्थापना की गई थी। मल्होत्रा समिति का गठन 1993 में किया गया था।
मुख्यालय: हैदराबाद
अध्यक्ष: देबाशीष पांडा
फुल फॉर्म
आईआरडीएआई/IRDAI: इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी