1. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नई दिल्ली में 'उद्योग/खान/राज्य सरकारों के इस्पात मंत्रियों के सम्मेलन' का उद्घाटन किया
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केंद्रीय इस्पात और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 15 नवंबर 2022 को नई दिल्ली में "उद्योग/खान/राज्य सरकारों के इस्पात मंत्रियों के सम्मेलन" का उद्घाटन किया। सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय इस्पात मंत्रालय द्वारा किया गया है।
इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले 8 वर्षों में इस्पात क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि जो देश पहले स्टील का पूर्ण रूप सेआयातक था, वह अब निर्यातक बन गया है और चीन के बाद दुनिया में स्टील का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भारत है।
28 अक्टूबर 2022 को प्रधान मंत्री ने हजीरा में आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील प्लांट का उद्घाटन करते हुए कहा था कि सरकार का अगले 9 से 10 वर्षों में कच्चे स्टील के उत्पादन को 300 मिलियन टन प्रति वर्ष करने का उद्देश्य है।
इस्पात मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उपक्रमों के अध्यक्षों/सीएमडी, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, गुजरात, पश्चिम बंगाल, गोवा की राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया। तथा केंद्रीय खान मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, कोयला, नीति आयोग ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया था ।
2. भारत अगले 10 वर्षों में कच्चे इस्पात का उत्पादन दोगुना करेगा: पीएम मोदी
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28 अक्टूबर 2022 को सूरत, गुजरात के हजीरा में आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील प्लांट के विस्तार के अवसर पर वीडियो संदेश के माध्यम से एक सभा को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने कच्चे इस्पात के उत्पादन को वर्तमान 154 मिलियन टन से अगले 9-10 वर्षों में प्रति वर्ष 300 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।
आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) लक्ज़मबर्ग स्थित आर्सेलर मित्तल और जापान के निप्पॉन स्टील के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
कंपनी अपने हजीरा संयंत्र में कच्चे इस्पात की क्षमता को 90 लाख टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) से बढ़ाकर 15 एमटीपीए करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
2047 तक विकसित भारत की ओर बढ़ने के लक्ष्य में इस्पात उद्योग की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक मजबूत इस्पात क्षेत्र एक मजबूत बुनियादी ढांचा क्षेत्र की ओर ले जाता है।
स्टील और भारत
- भारत 2021 में दुनिया में स्पंज आयरन का सबसे बड़ा उत्पादक था।
- भारत 2021 में चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उपभोक्ता था।
- भारत चीन के बाद दुनिया में कच्चे इस्पात का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- भारत ने 2030 तक कच्चे इस्पात के उत्पादन को 300 मिलियन टन प्रति वर्ष तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
- भारत ने 2030 तक प्रति व्यक्ति स्टील खपत को 160 किलोग्राम तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।