1. आरबीआई ने विनियमित संस्थाओं को ब्रिकवर्क रेटिंग सेवाओं का उपयोग करने से प्रतिबंधित किया
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भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों ,एनबीएफसी, क्रेडिट सूचना कंपनियों और इसके द्वारा विनियमित अन्य वित्तीय संस्थाओंको ब्रिकवर्क रेटिंग्स इंडिया से कोई भी नई रेटिंग सेवा प्राप्त करने परतुरंत बंद करने को कहा है।
आरबीआई और सेबी की संयुक्त टीम द्वारा इसके कामकाज में कई कमियों के पाए जाने के बाद, भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 6 अक्टूबर 2022 के अपने आदेश में ब्रिकवर्क रेटिंग्स इंडिया को निर्देश दिया था कि 6 महीने के भीतर अपने संचालन को बंद कर दे ।
भारत में क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को सेबी द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ब्रिकवर्क सात सेबी-पंजीकृत क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में से एक है। अन्य हैं क्रिसिल(CRISIL), केयर (CARE),इकरा( ICRA),फिच ( Fitch),इन्फोमेरिक्स रेटिंग( Infomerics Ratings) और एक्यूट रेटिंग और अनुसंधान(Acuité Ratings & Research)।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्या है
- क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां वित्तीय कंपनियां हैं जो सरकार या उन कंपनियों की क्रेडिट योग्यता का मूल्यांकन करती हैं जो बाजार से पूंजी जुटाना चाहती हैं।
- क्रेडिट का अर्थ है ऋण और क्रेडिट योग्यता का अर्थ है कि उधारकर्ता समय पर ऋण वापस करने में सक्षम है या नहीं और इसमें जोखिम का स्तर क्या है।
- रेटिंग एजेंसी उधारकर्ता की वित्तीय ताकत और कमजोरी, उसके प्रबंधन की गुणवत्ता, उसके व्यवसाय के क्षेत्र आदि को देखती है और फिर अपनी राय व्यक्त करती है।
- क्रेडिट रेटिंग एजेंसी उधारकर्ता की क्रेडिट योग्यता पर रेटिंग देकर अपनी राय व्यक्त करती है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां आमतौर पर रेटिंग दर्शाने के लिए लेटर ग्रेड(वर्णमाला) देती है । आम तौर पर एएए (AAA) रेटिंग ,उधारकर्ता के लिए उच्चतम संभव रेटिंग है।
- इसका मतलब है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसी की राय में उधारकर्ता के चूक का जोखिम बहुत कम है औरवह समय पर ऋण चुकाएगा।
- जोखिम जितना बड़ा होगा, रेटिंग उतनी ही कम होगी। अगर रेटिंग एजेंसी कर्जदार को जंक रेटिंग देती है तो इसका मतलब है कि चूक का जोखिम सबसे ज्यादा है।
रेटिंग के लाभ
- क्रेडिट रेटिंग एजेंसी की रेटिंग उधारकर्ता को ऋण देने में शामिल जोखिम के स्तर को निर्धारित करने में निवेशक/ऋणदाता की सहायता करती है।
- यह उधारकर्ताओं की भी मदद करता है क्योंकि रेटिंग ब्याज दरों को प्रभावित करती है। यदि उधारकर्ता को उच्चतम संभव रेटिंग दी गई है तो उधारकर्ता को सबसे सस्ती संभव दरों पर ऋण मिलेगा। जैसे-जैसे रेटिंग घटती है जोखिम का स्तर बढ़ता है और साथ ही ब्याज दर भी।
- जिन कंपनियों को जंक रेटिंग दी गई है उन्हें बाजार से पैसा उधार लेना मुश्किल होता है और अगर कोई इसे ऋण प्रदान करने के लिए सहमत भी होता है तो ब्याज दर बहुत अधिक होती है।
2. भारत सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना शुरू की
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देश में स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग को बढ़ावा देने के लिए, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएसएस) की स्थापना को अधिसूचित किया है।
सीजीएसएस अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) द्वारा डीपीआईआईटी के साथ पंजीकृत स्टार्टअप्स को दिए गए ऋणों के लिए क्रेडिट गारंटी प्रदान करेगा।
इसका मतलब है कि यदि पात्र स्टार्टअप पात्र वित्तीय संस्थानों से लिए गए ऋण को चुकाने में विफल रहते हैं तो ऋणदाता को भारत सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा। सरकार द्वारा इस गारंटी से स्टार्टअप्स को ऋण का प्रवाह बढ़ने की संभावना है।
ऋण गारंटी की सीमा
योजना के तहत कवर ऋण गारंटी लेनदेन आधारित तथा व्यक्तिगत देयता आधारित (अंब्रेला) होगा। अलग अलग मामलों में एक्सपोजर की अधिकतम सीमा प्रति केस 10 करोड़ रुपये या वास्तविक बकाया ऋण राशि, जो भी कम हो, होगी।
- लेनदेन आधारित गारंटी कवर की सीमा डिफॉल्ट की गई राशि का 80 प्रतिशत होगी अगर मूल ऋण स्वीकृति 3 करोड़ रुपये तक है:
- डिफॉल्ट की गई राशि का 75 प्रतिशत होगी अगर मूल ऋण स्वीकृति 3 करोड़ रुपये से अधिक है और 5 करोड़ रुपये तक है, तथा
- डिफॉल्ट की गई राशि का 65 प्रतिशत होगी अगर मूल ऋण स्वीकृति 5 करोड़ रुपये से अधिक (प्रति उधारकर्ता 10 करोड़ रुपये तक) है।
व्यक्तिगत देयता आधारित (अंब्रेला) गारंटी कवर सेबी के एआईएफ नियमों के तहत पंजीकृत वेंचर डेट फंड (वीडीएफ) को गारंटी प्रदान करेगा।
अंब्रेला आधारित कवर की सीमा वास्तविक नुकसान या पूल किए गए निवेश, जिस पर पात्र स्टार्टअप्स में फंड से कवर लिया जा रहा है, के अधिकतम पांच प्रतिशत तक, जो भी कम हो, होगी जो प्रति उधारकर्ता अधिकतम 10 करोड़ रुपये के अध्यधीन होगी।
योजना का संचालन कौन करेगा
नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) इस योजना का संचालन करेगी।
नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत कंपनी अधिनियम 2013 के तहत 2014 में स्थापित एक निजी कंपनी है। यह भारत सरकार के स्वामित्व में है।
परीक्षा के लिए अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
- भारत में 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाया जाता है।
- भारत की पहली समर्पित स्टार्ट-अप शाखा एसबीआई द्वारा कोरमंगला, बेंगलुरु में 16 अगस्त 2022 को खोली गई थी।
फुल फॉर्म
डीपीआईआईटी/DPIIT: डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (Department for Promotion of Industry and Internal Trade )
सीजीएसएस/CGSS:क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स (Credit Guarantee Scheme for Startups)
एआईएफ/AIF: अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड(Alternative Investment Fund)
3. सेबी ने बेंगलुरु स्थित ब्रिकवर्क क्रेडिट रेटिंग एजेंसी को बंद करने का आदेश दिया
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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नियमों के उल्लंघन के लिए ब्रिकवर्क रेटिंग्स इंडिया (Brickwork Ratings India) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसके साथ ही नियामक ने इस क्रेडिट रेटिंग एजेंसी को 6 महीने में भारत में अपना कारोबार समेटने का निर्देश दिया है. इसके अलावा एजेंसी पर कोई नया ग्राहक लेने की रोक भी लगाई गई है.
सेबी ने अपने आदेश में कहा कि ब्रिकवर्क ने कई तरह के उल्लंघन किए हैं. नियामक ने कहा कि ब्रिकवर्क ने उचित रेटिंग प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया और साथ ही रेटिंग प्रदान करते समय सही तरीके से जांच-परख भी नहीं की.
आरबीआई और सेबी द्वारा ब्रिकवर्क की संयुक्त जांच में कंपनी के कामकाज में कई अनियमितताएं पाई गईं। जांचों के निष्कर्षों में कथित उल्लंघनों में से कुछ भूषण स्टील, ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज, एस्सेल कॉरपोरेट रिसोर्सेज और डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी संस्थाओं के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के डिफ़ॉल्ट की मान्यता में देरी या विफलता थी, जबकि ग्रेट ईस्टर्न एनर्जी कॉर्पोरेशन और गायत्री प्रोजेक्ट्स फर्मों की रेटिंग की समीक्षा करने में विफल रहे।
ब्रिकवर्क सात सेबी-पंजीकृत क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में से एक है। अन्य हैं क्रिसिल(CRISIL), केयर (CARE),इकरा( ICRA),फिच ( Fitch),इन्फोमेरिक्स रेटिंग( Infomerics Ratings) और एक्यूट रेटिंग और अनुसंधान(Acuité Ratings & Research)।
ब्रिकवर्क रेटिंग्स
यह 2007 में स्थापित किया गया था और केनरा बैंक ब्रिकवर्क्स रेटिंग के प्रमोटरों में से एक था।
इसका मुख्यालय: बेंगलुरु, कर्नाटक
प्रबंध निदेशक: विवेक कुलकर्णी