सेबी के आदेश पर अनिल अंबानी ने दिया निदेशक पद से इस्तीफा
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रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने रिलायंस पावर लिमिटेड और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने उन्हें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी के साथ जुड़ने से रोक दिया है।
सेबी ने फरवरी 2022 में, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड, उद्योगपति अनिल अंबानी और तीन अन्य व्यक्तियों को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था।
इन पर यह आरोप था की इन्होने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड कंपनी से धन निकाल कर किसी और मकसद के इस्तेमाल कर लिया था।
नियामक ने अंबानी और तीन अन्य को "सेबी के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ, किसी भी सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनी या किसी भी सार्वजनिक कंपनी के कार्यवाहक निदेशकों / प्रमोटरों के साथ खुद को संबद्ध करने से रोक दिया, यह प्रतिबंध सेबी के अगले आदेश तक जारी रहेगा।"
सूचीबद्ध कम्पनियां :
एक कंपनी जिसकी किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में प्रतिभूतियां (शेयर, बांड, डिबेंचर, वारंट आदि) सूचीबद्ध होती हैं उसे सूचीबद्ध कंपनियां कहलाती हैं। इसका मतलब है कि एक निवेशक कंपनी के शेयर, बॉन्ड, डिबेंचर, वारंट आदि स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकता है जहां कंपनी सूचीबद्ध है।
सेबी के साथ पंजीकृत बिचौलिये:
वे सेबी के साथ पंजीकृत स्टॉक ब्रोकर, मर्चेंट बैंकर, म्यूचुअल फंड आदि हैं।
सेबी (भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड) :
भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुई थी और इसे 30 जनवरी 1992 को सेबी अधिनियम 1992 द्वारा वैधानिक दर्जा दिया गया था।
यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन आता है।
यह भारत में पूंजी बाजार और कमोडिटी बाजार का नियामक है।
पूंजी बाजारों में प्रतिभूति बाजार और स्टॉक एक्सचेंज जैसे द्वितीयक बाजार शामिल हैं।
सेबी के अध्यक्ष: माधुरी बुच
सेबी का मुख्यालय:मुंबई
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