अरुणाचल प्रदेश को मिलेगा पूर्वोत्तर का पहला मछली संग्रहालय

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Arunachal Pradesh

मत्स्य पालन मंत्री तागे टाकी ने कहा कि पूर्वोत्तर में अपनी तरह का पहला मछली संग्रहालय जल्द ही अरुणाचल प्रदेश में बनाया जाएगा।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • संग्रहालय केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत एकीकृत एक्वा पार्क (आईएपी) का एक हिस्सा होगा।

  • इसमें राज्य की सभी मछली प्रजातियां होंगी और यह मछुआरों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करेगी।

  • तीन साल पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नीली क्रांति लाने के लिए प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसवाई) के तहत प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक आईएपी की घोषणा की थी।

  • परियोजना की प्रस्तावित लागत 100 करोड़ रुपये  है।

  • चालू वित्त वर्ष में परियोजना के लिए पहली किश्त के रूप में 43.59 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे।

  • ऊंचाई वाले बुल्ला गांव में स्थित मौजूदा तारिन मछली फार्म (टीएफएफ) को आईएपी के रूप में अपग्रेड किया जाएगा जहां यह संग्रहालय बनेगा।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMSSY)

  • यह मत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित एक सतत् विकास योजना है, जिसे आत्मनिर्भर भारत के तहत वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक (5 वर्ष की अवधि के दौरान) सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जाना है।

  • इस योजना के अंतर्गत 20,050 करोड़ रुपए का निवेश मत्स्य क्षेत्र में किया जाएगा।

  • योजना के तहत मछुआरों को बीमा कवर, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाती है।

  • इसका उद्देश्य ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ावा देना है।

  • मत्स्य क्षेत्र में वर्ष 2019-20 के मुकाबले वर्ष 2021-22 तक 14.3 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है।

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