\महान कथक नर्तक बिरजू महाराज का 83 वर्ष की आयु में निधन
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कथक के लखनऊ के कालका-बिंदादीन घराने के पथप्रदर्शक पंडित बिरजू महाराज का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
- वे कथक नर्तकों के महाराज परिवार के वंशज थे, जिनमें उनके दो चाचा शम्भू महाराज और लच्छू महाराज और उनके पिता और गुरु अभान महाराज शामिल हैं, जिन्होंने रायगढ़ रियासत में राजनर्तक के रूप में कार्य किया था।
- उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का भी अभ्यास किया और एक गायक थे|
- 1964 में उन्हें मानद संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला और 1986 में उन्हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण मिला।
- उन्होंने कई फिल्मों के लिए नृत्य संयोजन(कोरियोग्राफ) किया है जिनमें सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी, से लेकर गदर: एक प्रेम कथा, देवदास, बाजीराव मस्तानी, जैसी कई फिल्में शामिल हैं|
भारतीय शास्त्रीय नृत्य के प्रकार
भारत सरकार के अनुसार भारत में आठ प्रकार के शास्त्रीय नृत्य हैं
नृत्य :मूल/राज्य
भरतनाट्यम :तमिलनाडु
मणिपुरी नृत्य :मणिपुर
कथक : उत्तर भारत, उत्तर प्रदेश, राजस्थान दिल्ली, मध्य प्रदेश।
ओडिसी :ओडिशा
कथक काली:केरल
मोहिनीअट्टम: केरल
कुचिपुड़ी :मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश
सत्त्रिया :असम
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