बजट 2023-24
Tags: Economy/Finance
जारीकर्ता - वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
जारी तिथि - 1 फ़रवरी 2023
बजट की सात प्राथमिकताएं ‘सप्तऋषि’। इनमें शामिल हैं:
समावेशी विकास,
अंतिम छोर-अंतिम व्यक्ति तक पहुंच,
बुनियादी ढांचा और निवेश,
निहित क्षमताओं का विस्तार,
हरित विकास,
युवा शक्ति
वित्तीय क्षेत्र।
1 : समावेशी विकास
कृषि एवं सहकारिता
ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को कृषि-स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कृषि वर्धक निधि की स्थापना की जाएगी।
उच्च गुणवत्ता वाली बागवानी फसलों के लिए रोगमुक्त गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा 2,200 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ "आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम" की शुरुआत की जाएगी।
भारत को ‘श्री अन्न’ के लिए वैश्विक केन्द्र बनाने के लिए भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद को उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा I
मछुआरे और मछली विक्रेताओं की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना शुरू की जाएगी।
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण का लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा।
किसानों को अपनी उपज का भंडारण करने और उचित समय पर उसकी बिक्री करके लाभकारी मूल्य प्राप्त करने के लिए सरकार व्यापक विकेन्द्रीकृत भंडारण क्षमता बनाने के लिए एक योजना लागू करेगी।
वर्ष 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ सह-स्थानिक 157 नये नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
वर्ष 2047 तक सिकल से एनीमिया का उन्मूलन करने के लिए एक मिशन की शुरुआत की जाएगी।
बच्चों और किशोरों के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी।
2 : अंतिम छोर और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना
- विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा।
कर्नाटक के सूखा प्रवण मध्य क्षेत्र में संधारणीय सूक्ष्म सिंचाई सुविधा मुहैया करने तथा पेयजल के लिए बहिस्तल टैंकों को भरने के लिए ऊपरी भद्रा परियोजना को 5,300 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता दी जाएगी।
पीएम आवास योजना के लिए परिव्यय 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रूपये से अधिक कर दिया गया है।
3 : अवसंरचना और निवेश
- पूंजीगत निवेश परिव्यय में लगातार तीसरे वर्ष 33 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि करके 10 लाख करोड़ रूपये किया गया है I
राज्य सरकारों के लिए 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण को और एक वर्ष तक जारी रखा जाएगा।
रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है।
आरआईडीएफ की तरह प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र उधारी न्यूनता के उपयोग के माध्यम से शहरी अवसंरचना विकास निधि (यूआईडीएफ) की स्थापना की जाएगी। इसका उपयोग टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में शहरी अवसंरचना के सृजन हेतु सार्वजनिक एजेंसियों द्वारा किया जाएगा।
क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार लाने के लिए पचास अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट, वाटर एरोड्रोम और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड का पुनरुद्धार किया जाएगा।
4: सक्षमता को सामने लाना
- विश्वास-आधारित शासन को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने 42 केन्द्रीय अधिनियमों में संशोधन करने के लिए ‘जन विश्वास’ विधेयक पेश किया है।
देश के शीर्ष शैक्षिक संस्थानों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए तीन उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
स्टार्ट-अप्स और शिक्षाविदों द्वारा नवाचार और अनुसंधान शुरू करने के लिए राष्ट्रीय डाटा शासन नीति लाई जाएगी।
एमएसएमई, बड़े व्यवसायों और चेरिटेबल ट्रस्टों के प्रयोग के लिए एक निकाय डिजीलॉकर स्थापित किया जाएगा।
5जी सेवाओं का प्रयोग करते हुए एप्लीकेशन तैयार करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में एक सौ प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी I
5: हरित विकास
- सतत कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए हरित ऋण कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी I
गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) नामक स्कीम के तहत 500 नए ‘अवशिष्ट से आमदनी’ संयंत्रों को चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया जाएगा।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा ऊर्जा-परिवर्तन तथा निवल-शून्य उद्देश्यों और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में प्राथमिकता प्राप्त पूंजीगत निवेशों के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर वितरित सूक्ष्म-उर्वरक और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क बनाते हुए 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
आर्द्रभूमि के इष्टतम उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अगले तीन वर्षों में अमृत धरोहर को लागू किया जाएगा I
6: युवा शक्ति
- अगले तीन वर्षों में लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 शुरू की जाएगी।
युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने हेतु अलग-अलग राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत तीन वर्षों में 47 लाख युवाओं को वृत्तिका सहायता प्रदान करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण शुरू किया जाएगा।
राज्यों को अनके स्वयं के ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद), जीआई उत्पाद और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उनकी वित्तीय राजधानी में एक यूनिटी मॉल की स्थापना की जाएगी I
7: वित्तीय क्षेत्र
- वित्तीय और अनुषंगी सूचना की केन्द्रीय रिपोजिटरी के रूप में काम करने के लिए एक राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री स्थापित की जाएगी।
केन्द्रीयकृत प्रबंधन के माध्यम से कंपनियों को त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए एक केन्द्रीय प्रसंस्करण केन्द्र का गठन किया जाएगा।
MSMEs के लिए क्रेडिट गारंटी योजना को 1 अप्रैल, 2023 से कॉर्पस में 9,000 करोड़ रुपये जोड़कर नवीनीकृत किया जाएगा।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपया कर दिया जाएगा।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए मासिक आय खाता योजना की अधिकतम जमा सीमा एकल खाते के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और संयुक्त खाते के लिए 9 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की जाएगी।
राजकोषीय प्रबंधन
- राज्यों को 50 साल के लिए ब्याज़ मुक्त ऋण I
राज्यों को जीएसडीपी के 3.5 % के राजकोषीय घाटे की अनुमति I
राजकोषीय घाटे का वित्त वर्ष 2022-23 में संशोधित अनुमान जीडीपी का 6.4 प्रतिशत है I
राजकोषीय घाटे के वित्त वर्ष 2023-24 में 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान I
राजकोषीय घाटे के वित्त वर्ष 2025-26 तक 4.5 % से कम करने का लक्ष्य रखा गया है I
बजट अनुमान 2023-24
- वर्ष 2023-24 में, कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः 27.2 लाख करोड़ रुपये और 45 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है। निवल कर प्राप्तियों के 23.3 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
2023-24 में राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण करने के लिए दिनांकित प्रतिभूतियों से निवल बाजार उधारियां 11.8 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है। सकल बाजार उधारियां 15.4 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है।
व्यक्तिगत आयकर
- नई कर व्यवस्था में निजी आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रूपये कर दिया गया है।
नयी व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था में स्लैबों की संख्या 6 से घटाकर 5 कर दी गई और कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रूपये कर दिया गया है।
नई कर व्यवस्था के तहत वेतनभोगी व्यक्ति को 50,000 रुपये की मानक कटौती दी जाएगी और पेंशनभोगी को 15,000 रुपये की मानक कटौती दी जाएगी।
नई कर व्यवस्था में 2 करोड़ रुपये से अधिक की आय वाले व्यक्तियों के लिए व्यक्तिगत आयकर में उच्चतम अधिभार दर को 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है।
गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर अवकाश नकदीकरण पर कर छूट सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है।
अप्रत्यक्ष कर प्रस्ताव
- वस्त्र और कृषि को छोड़ अन्य वस्तुओं पर मूल सीमा शुल्क की दरों की कुल संख्या 21 से घटाकर अब 13 कर दी गई है।
टीवी पैनल के ओपन सेलों के पूर्जों पर बेसिक सीमा शुल्क को घटा कर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
इलेक्ट्रिक रसोई घर चिमनियों पर बेसिक सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
इलेक्ट्रिक रसोई घर चिमनियों के हीट क्वायलों पर आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव I
संमिश्रित रबर पर बेसिक सीमा शुल्क को बढ़ाकर, लेटेक्स को छोड़कर अन्य प्राकृतिक रबर के बराबर, 10 प्रतिशत से 25 प्रतिशत या 30 रुपये प्रति किलोग्राम, जो भी कम हो करने का प्रस्ताव।
विशिष्ट सिगरेट पर देय राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क को लगभग 16 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।
सम्मिलित कंप्रेस्ड बायो गैस, जिस पर जीएसटी भुगतान किया गया है उस पर उत्पाद शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव।
प्रयोगशाला निर्मित हीरों (एलजीडी) के विनिर्माण में प्रयुक्त बीजों पर सीमा शुल्क को घटाने का प्रस्ताव।
सोने के डोरे और बारों और प्लेटिनम पर सीमा शुल्क को बढ़ाने का प्रस्ताव।
चांदी के डोरे, बारों और सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव।
अप्रत्यक्ष करों के संबंध में संशोधन
सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 को आवेदन दायर करने की तारीख से 9 महीने की समयसीमा विनिर्दिष्ट करने के लिए निपटान आयोग द्वारा अंतिम आदेश पारित करने के लिए संशोधन का प्रस्ताव।
जीएसटी के अंतर्गत अभियोजन की शुरूआत करने के लिए कर राशि की न्यूनतम सीमा को 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ किया जाएगा।
कम्पाउडिंग कर राशि की वर्तमान 50 से 150 प्रतिशत वर्तमान सीमा को घटाकर 25 से 100 प्रतिशत किया जाएगा।
स्टार्टअप्स
- स्टार्टअप्स को आयकर लाभ देने के लिए इनके गठन की अवधि को 31 मार्च, 2023 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 करने का प्रस्ताव किया गया है।
बजट में स्टार्टअप्स की शेयरधारिता में परिवर्तन होने पर नुकसान को आगे ले जाने का लाभ दिया गया है जो कि पहले गठन के 7 साल तक सीमित था और अब इसे बढ़ाकर गठन के 10 साल तक कर दिया गया है।
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