केंद्र ने UAPA के तहत हिज्ब-उल-मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा के 10 सदस्यों को आतंकवादी घोषित किया
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 5 अक्टूबर को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और अन्य प्रतिबंधित संगठनों के कुल 10 सदस्यों को आतंकवादी के रूप में नामित किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
इन आतंकवादियों में से पांच हिज्ब-उल-मुजाहिदीन से, दो तहरीक-उल-मुजाहिदीन से और एक-एक लश्कर-ए-तैयबा, जम्मू-कश्मीर इस्लामिक फ्रंट और हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी से जुड़े हैं।
पाकिस्तान के पांच घोषित आतंकवादियों के नाम हैं - शौकत अहमद शेख, जो वर्तमान में पाकिस्तान का रहने वाला है और हिज्ब-उल-एल मुजाहिदीन के मुख्य लॉन्चिंग कमांडर के रूप में काम कर रहा है। इसके अलावा हबीबुल्लाह मलिक उर्फ साजिद जट्ट, बासित अहमद रेशी और इम्तियाज अहमद कंडू उर्फ सज्जाद का नाम शामिल है।
गृह मंत्रालय ने दावा किया है कि मलिक ने कट्टर आतंकवादियों का एक नेटवर्क बनाया है और घाटी में कई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड है।
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए)
यह अधिनियम 1967 में पारित किया गया था।
यह अधिनियम आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए विशेष प्रक्रिया प्रदान करता है।
गैर-कानूनी गतिविधियों से तात्पर्य उन कार्यवाहियों से है जो किसी व्यक्ति/संगठन द्वारा देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को भंग करने वाली गतिविधियों को बढ़ावा देती है।
यह अधिनियम संविधान के अनुछेद-19 द्वारा प्रदत्त वाक् व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शस्त्रों के बिना एकत्र होने और संघ बनाने के अधिकार पर युक्तियुक्त प्रतिबंध आरोपित करता है।
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