चंबा के मिंजर मेले को मिला अंतरराष्ट्रीय दर्जा, अधिसूचना जारी

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हिमाचल प्रदेश के चंबा घाटी में मनाये जाने वाले  'मिंजर मेला' को राज्यपाल की मंजूरी के बाद भाषा एवं संस्कृति विभाग के सचिव राजेश कंवर ने इसकी अधिसूचना जारी की है।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • इस वर्ष यह 24 जुलाई से 31 जुलाई 2022 तक मनाया गया है।

  • दरअसल, मक्के के पौधे के पुष्पक्रम को मिंजर कहते हैं। 

  • जब मक्के पर फूल खिलते हैं, तो मिंजर मेला मनाया जाता है और इस मेले में देश भर से पर्यटक हिस्सा लेने आते हैं।

  • मिंजर मेला 935 ई. में त्रिगर्त (अब कांगड़ा के नाम से जाना जाने वाला) के शासक पर चंबा के राजा की विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

  • ऐसा कहा जाता है कि अपने विजयी राजा की वापसी पर लोगों ने उसका धान और मक्का की मालाओं से अभिवादन किया, जो कि समृद्धि और खुशी का प्रतीक है।

  • यह मेला श्रावण मास के दूसरे रविवार को आयोजित किया जाता है। 

  • इस मेले की घोषणा के समय मिंजर का वितरण किया जाता है, जो पुरुषों और महिलाओं द्वारा समान रूप से पोशाक के कुछ हिस्सों पर पहना जाने वाला एक रेशम की लटकन है।

  • सप्ताह भर चलने वाले मेले की शुरुआत ऐतिहासिक चौगान में मिंजर झंडा फहराने से होती है।

भारत के अन्य विश्व प्रसिद्ध मेले

मेला 

राज्य 

गंगासागर मेला    

पश्चिम बंगाल

कुंभ मेला (12 वर्ष में)    

नासिक, हरिद्वार,प्रयागराज , उज्जैन

पुष्कर (ऊंट) मेला

राजस्थान

सोनपुर मवेशी मेला        

बिहार

हेमिस गोम्पा मेला    

लद्दाख

अम्बूबासी मेला    

असम 

चंद्रभागा मेला    

झालावाड़(राजस्थान)

नौचंडी मेला    

मेरठ(उत्तर प्रदेश)

सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला    

हरियाणा

माघ मेला    

प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)

मेदाराम जातरा    

तेलंगाना

सूरजकुंड मेला

हरियाणा

ओणम     

केरल

हाथी उत्सव    

जयपुर(राजस्थान)

सोनपुर मेला

बिहार 

रथ यात्रा    

उड़ीसा

कंस मेला     

मथुरा(उत्तर प्रदेश)



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