सहकारिता मंत्रालय ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को सक्षम करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) को सक्षम बनाने और सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) द्वारा सेवाएं प्रदान करने के लिए 2 फरवरी को एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
खबर का अवलोकन
इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नई दिल्ली में सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के बीच किया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री, अमित शाह और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इससे कॉमन सर्विस सेंटर्स की अवधारणा को देश की छोटी से छोटी इकाई तक आसानी से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
यह समझौता पैक्स की व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ाएगा और उन्हें आत्मनिर्भर आर्थिक संस्था बनने में मदद करेगा।
प्राथमिक कृषि सहकारी समितियाँ (PACS)
ये जमीनी स्तर की सहकारी ऋण संस्थाएँ हैं जो किसानों को विभिन्न कृषि और कृषि गतिविधियों के लिए अल्पकालिक और मध्यम अवधि के कृषि ऋण प्रदान करती हैं।
यह ग्राम पंचायत और ग्राम स्तर पर कार्य करता है।
1904 में पहली प्राथमिक कृषि ऋण समिति (PACS) की स्थापना की गई थी।
पैक्स सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत होते हैं और आरबीआई द्वारा विनियमित होते हैं।
पैक्स के उद्देश्य
ऋण लेने के उद्देश्य से पूंजी जुटाना
सदस्यों की आवश्यक गतिविधियों का समर्थन करना
सदस्यों की बचत की आदत में सुधार लाने के लक्ष्य से जमा राशि एकत्र करना
सदस्यों के लिए पशुधन की उन्नत नस्लों की आपूर्ति और विकास की व्यवस्था करना
सदस्यों को उचित मूल्य पर कृषि आदानों और सेवाओं की आपूर्ति करना
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