डीआरडीओ, भारतीय सेना ने क्यूआरएसएएम प्रणाली के छह उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए
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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना ने 8 सितंबर को ओड़िशा तट के निकट एकीकृत परीक्षण क्षेत्र, चांदीपुर से क्विक रियक्शन सर्फेस टू एयर मिसाइल (QRSAM) प्रणाली की छह उड़ानों का सफल परीक्षण किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
उड़ान परीक्षण भारतीय सेना द्वारा मूल्यांकन परीक्षणों के हिस्से के रूप में आयोजित किए गए थे।
उड़ान परीक्षण उच्च गति वाले लक्ष्यों पर किया गया।
ये लक्ष्य वास्तविक खतरे के प्रकार के बनाए गए थे, ताकि विभिन्न परिस्थितियों में हथियार प्रणालियों की क्षमता का आकलन किया जा सके।
इसमें लंबी दूरी व मध्यम ऊंचाई वाले लक्ष्य, छोटी रेंज वाले लक्ष्य, ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्य, रडार पर आसानी से पकड़ में न आने वाले लक्ष्य शामिल थे।
मूल्यांकन में हथियार प्रणाली और उसका उत्कृष्ट दिशा-निर्देश और नियंत्रण सटीक पाया गया।
प्रणाली के प्रदर्शन की पुष्टि आईटीआर द्वारा विकसित टेलीमेट्री, राडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली से भी की गई।
क्यूआरएसएएम हथियार प्रणाली :
यह कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) प्रणाली है।
यह मुख्य रूप से डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है ताकि हवाई हमलों से सेना के चलती बख्तरबंद स्तंभों को एक सुरक्षा कवच प्रदान किया जा सके।
यह हथियार प्रणाली खोज और ट्रैक क्षमता के साथ आगे बढ़ने पर काम कर सकती है, और शॉर्ट हॉल्ट पर आग लगा सकती है।
अतिरिक्त जानकारी -
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) :
यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत एक प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास एजेंसी है।
इसका उद्देश्य भारत को महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाना है।
इसकी स्थापना 1958 में हुई थी।
मुख्यालय - नई दिल्ली
अध्यक्ष - समीर वी कामत
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