शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स जारी किया
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स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने 3 नवंबर, 2022 को 2020-21 के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) जारी किया।
सूचकांक का मुख्य निष्कर्ष
वर्ष 2021-22 में प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक स्कूलों में कुल 25.57 करोड़ छात्रों का नामांकन हुआ, जबकि वर्ष 2020-21 में 25.38 करोड़ छात्रों ने नामांकन कराया था।
वर्ष 2021-22 में नामांकन कराने वाले छात्रों की संख्या में 19.36 लाख की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
वर्ष 2021-22 में अनुसूचित जाति के छात्रों के नामांकन में 4.82 करोड़ की वृद्धि हुई थी, जबकि वर्ष 2020-21 में यह 4.78 करोड़ थी।
वर्ष 2020-21 में 2.49 की तुलना में वर्ष 2021-22 में एसटी छात्रों का नामांकन 2.51 करोड़ था।
अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों का नामांकन वर्ष 2021-22 में 11.48 करोड़ हुआ, जबकि वर्ष 2020-21 में 11.35 करोड़ था।
सकल नामांकन अनुपात (जीईआर)
वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2021-22 में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तरीय स्कूल शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात में सुधार देखा गया।
उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में वर्ष 2020-21 के 53.8 प्रतिशत जीईआर में सुधार दर्ज किया गया तथा वह वर्ष 2021-22 में 57.6 प्रतिशत हो गया।
शिक्षकों की संख्या
वर्ष 2021-22 के दौरान स्कूली शिक्षा में 95.07 लाख शिक्षक संलग्न रहे, जिनमें से 51 प्रतिशत से अधिक संख्या शिक्षिकाओं की थी।
वर्ष 2021-22 में शिष्य-शिक्षक अनुपात (पीटीआर) प्राथमिक में 26, उच्च प्राथमिक में 19, माध्यमिक में 18 और उच्चतर माध्यमिक में 27 रहा।
इस तरह वर्ष 2018-19 से इसमें लगातार सुधार आ रहा है।
उच्चतर माध्यमिक शिक्षा में नामांकन
वर्ष 2021-22 में 12.29 करोड़ से अधिक छात्राओं ने प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक नामांकन कराया था।
इस प्रकार 2020-21 में लड़कों की तुलना में लड़कियों के नामांकन में 8.19 लाख का इजाफा दर्ज किया गया।
लिंग समानता सूचकांक (जीपीआई) दर्शाता है कि समान आयुवर्ग की लड़कियों की आबादी को देखते हुये स्कूल शिक्षा में लड़कियों का प्रतिनिधित्व उचित स्तर पर है।
अनुसूचित जाति के छात्रों का नामांकन
वर्ष 2021-22 में प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक अनुसूचित जाति के छात्रों का नामांकन वर्ष 2020-21 के 4.78 करोड़ नामांकन की तुलना में बढ़कर 4.83 करोड़ हो गया।
अनुसूचित जनजाति के छात्रों का नामांकन 2020-21 के 2.49 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 2.51 करोड़ तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों का नामांकन 2020-21 के 11.35 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 11.49 करोड़ हो गया।
स्कूलों की संख्या
वर्ष 2021-22 के 14.89 लाख स्कूल थे, जबकि वर्ष 2020-21 में स्कूलों की संख्या 15.09 लाख थी।
स्कूलों की संख्या में कमी का मुख्य कारण यह था कि निजी स्कूल तथा अन्य प्रबंधन वाले स्कूल बंद हो गये तथा विभिन्न राज्यों द्वारा स्कूलों के क्लस्टर बना दिये गये।
स्कूलों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की उपलब्धता
बिजली कनेक्शन - 89.3%
पेयजल - 98.2%
लड़कियों के लिये शौचालय - 97.5%
सीडब्लूएसएन शौचालय - 27%
हाथ धोने की सुविधा - 93.6%
खेल का मैदान - 77%
सीडब्लूएसएन के लिये रेलिंग वाला रैम्प - 49.7%
पुस्तकालय/पढ़ने का कक्ष/पढ़ने का स्थान - 87.3%
स्कूलों के लिए सतत पर्यावरण पहलें
किचन गार्डन - 27.7%
वर्षा जल संचयन - 21%
राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स के बारे में
स्कूलों से ऑनलाइन डाटा संकलन प्रणाली को वर्ष 2018-19 में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने विकसित किया था.
यह राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों में स्कूली शिक्षा प्रणाली के साक्ष्य आधारित व्यापक विश्लेषण के लिए एक अनूठा सूचकांक है।
इसका उद्देश्य साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को बढ़ावा देना और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाठ्यक्रम सुधार को उजागर करना है।
यह रिपोर्ट वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए जारी की गई थी।
वर्तमान रिपोर्ट वर्ष 2020-21 के लिए है।
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