विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपने पहले आधिकारिक मिस्र दौरे पर जाएंगे
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विदेश मंत्रालय के अनुसार, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर 15-16 अक्टूबर 2022 तक मिस्र की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर होंगे। वह मिस्र के विदेश मंत्री समीह हसन शौकरी के निमंत्रण पर वहां जा रहे हैं। मंत्रालय के अनुसार दोनों नेता आपसी हित के कई द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
भारत और मिस्र के बीच पारंपरिक रूप से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं । भारत मिस्र के साथ अपने संबंध और गहरा करने की कोशिश कर रहा है।
हाल ही में सितंबर के महीने में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रक्षा संबंधों को और मज़बूत करने के लिए मिस्र के दौरे पर थे।
दोनों देश इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे हैं।
भारत ने 2022-23 में जी-20 ,जिसकी अध्यक्षता भारत करेगा , मिस्र को 'अतिथि देश' के रूप में आमंत्रित किया है।
आर्थिक संबंध
मिस्र अफ्रीका में भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक रहा है और यात्रा के दौरान द्विपक्षीय व्यापार, वाणिज्य और निवेश को बढ़ावा देना फोकस क्षेत्रों में से एक होगा।
भारत-मिस्र का द्विपक्षीय व्यापार वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 7.26 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया।
मिस्र में भारतीय निवेश 3.15 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है । मिस्र में विनिर्माण, रसायन, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, खुदरा आदि जैसे क्षेत्रों में 50 से अधिक भारतीय कंपनियां सक्रिय रूप से मौजूद हैं।
अरब गणराज्य मिस्र
यह एक अरब देश है जो अफ्रीकी महाद्वीप पर स्थित है।
राष्ट्रपति: अब्देल फतह अल-सिसी
राजधानी: काहिरा
मुद्रा: मिस्र पाउंड
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