सुशासन दिवस 2022
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भारत के 10वें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को चिह्नित करने के लिए हर साल 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकार द्वारा देश के नागरिकों के साथ उचित व्यवहार किया जाए और विभिन्न सरकारी सेवाएं उन्हें निष्पक्ष रूप से उपलब्ध कराई जाएं।
सुशासन दिवस का उद्देश्य सुशासन के माध्यम से विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों और सेवाओं तक जनता की पहुंच बढ़ाना है। इसकी स्थापना "ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुशासन" के थीम के साथ की गई थी।
दिन की पृष्ठभूमि
2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थीकि अब से 25 दिसंबर को पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। वे तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
वह पहली बार ,16 मई 1996 को प्रधान मंत्री बने और उन्होंने 1 जून 1996 को इस्तीफा दे दिया था। फिर वे दूसरी बार 19 मार्च 1998 - 13 अक्टूबर 1999 तक प्रधान मंत्री रहे ।
अंतिम बार वे 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004 तक प्रधानमंत्री रहे।
वाजपेयी के बारे में अनोखे तथ्य
वह संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को हिंदी में संबोधित करने वाले पहले व्यक्ति थे। विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने 1977 में यूएनजीए के 32वें सत्र में हिंदी में भाषण दिया था ।
उन्हें 1996 में 16 दिनों के लिए सबसे कम समय के लिए भारत के प्रधान मंत्री होने का गौरव भी प्राप्त है।
वह पहले प्रधानमंत्री थे जिनके खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया था। 1999 में वह 1 मत से अविश्वास मत हार गए थे।
उन्हें 27 मार्च 2015 को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
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