सुशासन सूचकांक:
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सरकार में शासन को सत्ता और अधिकार के उपयोग के रूप में परिभाषित किया जाता है, ताकि लोगों को सामान और सेवाएं प्रदान की जा सकें| आम लोगों की भलाई ,आकांक्षाओं और जरूरतों को पूरा किया जा सके। लोग उम्मीद करते हैं कि उनकी सरकार अपने कार्यों को इस तरह से आगे बढ़ाएगी कि न्यूनतम लागत या निवेश के साथ अधिकतम परिणाम प्राप्त हों।
- शासन तब अच्छा होता है जब सरकार के निर्णय और कार्य लोगों की सहमति, वैधता और जवाबदेही पर आधारित होते हैं। यह एक अवधारणा है जो प्रकृति को समावेशी और सकारात्मक बनता है।
सुशासन की विशेषताएं क्या हैं?
विश्व बैंक की रिपोर्ट 1989 और 1992 के अनुसार आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) वैश्विक शासन आयोग (1995) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) 1997 के अनुसार सुशासन की विशेषताओं को संदर्भित करता है।
- शासन में लोगों की भागीदारी।
- निर्णयकर्ताओं की जवाबदेही।
- निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी।
- वंचित समूहों की जरूरतों को पूरा करना।
- मानव अधिकारों की गारंटी।
- निर्णय लेते समय भावी पीढ़ी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और लोगों के पास शासन की अपनी संरचना है या नहीं।
सुशासन सूचकांक क्या है?
- सुशासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देने के लिए, भारत सरकार ने 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में घोषित किया। यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म तिथि है। इसकी शुरुआत 2014 में हुई थी।
- सुशासन में राज्य सरकार के प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने और उसका आकलन करने और देश में नागरिक केंद्रित विकास को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने सुशासन सूचकांक लॉन्च किया।
- जीजीआई का उद्देश्य एक ऐसा उपकरण तैयार करना है जिसका इस्तेमाल केंद्र शासित प्रदेशों सहित केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने के लिए राज्यों में समान रूप से किया जा सके।
- जीजीआई का महत्वपूर्ण योगदान राज्य स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्रगति पर नज़र रखने में योगदान देना होगा। अभिज्ञात क्षेत्र और संकेतक समग्र शासन के दृष्टिकोण से कुछ महत्वपूर्ण एसडीजी संकेतकों से सीधे जुड़े हुए हैं।
- यह सुशासन दिवस (25 दिसंबर) पर जारी किया जाता है|
सुशासन सूचकांक का प्रकाशन कौन करता है ?
- केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा सूचकांक प्रकाशित किया जाता है।
- गवर्नेंस की गुणवत्ता के आकलन के लिए फ्रेमवर्क सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस हैदराबाद ने एसी नीलसन के सहयोग से तैयार किया है।
यह पहली बार कब प्रकाशित हुआ था?
यह पहली बार 2019 में प्रकाशित किया गया था, और यह हर दो साल बाद जारी किया जाता है। नवीनतम संस्करण 25 दिसंबर 2021 को जारी किया गया है।
सुशासन सूचकांक में क्या शामिल है?
जीजीआई 2020-21 में 10 गवर्नेंस सेक्टर और 58 गवर्नेंस इंडिकेटर शामिल हैं|
- कृषि और संबद्ध क्षेत्र,
- वाणिज्य और उद्योग,
- मानव संसाधन विकास,
- सार्वजनिक स्वास्थ्य,
- सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिताएँ,
- आर्थिक शासन,
- समाज कल्याण और विकास,
- न्यायिक और सार्वजनिक सुरक्षा,
- पर्यावरण,
- नागरिक-केंद्रित शासन।
2019 इंडेक्स की तुलना में बदलाव।
2019 के सूचकांक में 10 शासन क्षेत्र और 50 शासन संकेतक शामिल थे। 2021 के इंडेक्स में गवर्नेंस सेक्टर 10 हैं लेकिन गवर्नेंस इंडिकेटर्स को बढ़ाकर 58 कर दिया गया है।
2021 इंडेक्स की मुख्य विशेषताएं:-
जीजीआई 2020-21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत करता है|
- ग्रुप ए - इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, हरियाणा, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश शामिल हैं|
- ग्रुप बी - इसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं|
- उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्य - इसमें हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, उत्तराखंड, त्रिपुरा, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, असम, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।
- केंद्र शासित प्रदेश - इसमें दिल्ली, पुडुचेरी, दमन और दीव, चंडीगढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली और लक्षद्वीप शामिल हैं।
गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा 10 क्षेत्रों को कवर करते हुए समग्र रैंक स्कोर में शीर्ष पर हैं।
समूहवार राज्यों की रैंकिंग:
- समूह ए:
- गुजरात समग्र रैंकिंग (जीजीआई 2019 संकेतकों पर 12.3% की वृद्धि) में शीर्ष पर है, इसके बाद महाराष्ट्र और गोवा का स्थान है।
- ग्रुप बी:
- मध्य प्रदेश इस सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद राजस्थान और छत्तीसगढ़ हैं।
- उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्य:
- हिमाचल प्रदेश इस सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद मिजोरम और उत्तराखंड हैं।
- केंद्र शासित प्रदेश:
- सूची में दिल्ली शीर्ष पर है।
यूपी ने वाणिज्य और उद्योग क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल किया है|
जीजीआई 2021 का कहना है कि 20 राज्यों ने GGI 2019 इंडेक्स स्कोर की तुलना में अपने समग्र जीजीआई स्कोर में सुधार किया है। यह इंगित करता है कि भारत के राज्यों में समग्र शासन एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है।
भाषान्तर संजय
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