प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना

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देश में किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी, 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पीएम-किसान योजना की शुरुआत की।

यह 100% केंद्र प्रायोजित योजना है।

योजना का उद्देश्य क्या है?

योजना के उद्देश्य इस प्रकार हैं :-

  • देश भर में सभी भूमिधारक किसानों के परिवारों को आय सहायता प्रदान करके किसानों की आय बढ़ाने के लिए दिया जाता है|
  • उन्हें कृषि और संबद्ध गतिविधियों के साथ-साथ घरेलू जरूरतों से संबंधित खर्चों की देखभाल करने में सक्षम बनाने के लिए दिया जाता है।

योजना का लाभ क्या है?

  • इस योजना के तहत पात्र किसानों को भारत सरकार से उनके बैंक खाते में साल के हर चौथे महीने में तीन किस्तों में 6000 रुपये प्रति वर्ष प्राप्त होते हैं।
  • 1 दिसंबर, 2019 को या उसके बाद आने वाली सभी किश्तों का भुगतान केवल लाभार्थियों को प्रमाणित बैंक डेटा के आधार पर किया जा जाता है।

योजना के लिए पात्र कौन हैं?

  • इस योजना के शुरू में देश भर के सभी छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों को 2 हेक्टेयर तक खेती योग्य भूमि रखने के लिए आय की सहायता प्रदान की।
  • 01जून 2019 बाद में इसे देश के सभी किसान परिवारों को शामिल करने के लिए विस्तारित किया गया, भले ही उनकी जोत की आकार कुछ भी हो।
  • यहाँ परिवार का अर्थ है पति, पत्नी और उनके नाबालिग बच्चे से है।

योजना से किसे बाहर रखा गया है?

  • सभी संस्थागत भूमिधारक

किसान परिवार जो निम्नलिखित श्रेणियों में से एक या अधिक से संबंधित हैं :-

  • संवैधानिक पदों के पूर्व या वर्तमान धारक हो।
  • केंद्र या राज्य सरकार में पूर्व या वर्तमान मंत्री, पूर्व या वर्तमान संसद सदस्य, राज्य विधानमंडल के पूर्व या वर्तमान सदस्य (एमएलए या एमएलसी), नगर पालिकाओं के वर्तमान या पूर्व मेयर, जिला पंचायतों के पूर्व या वर्तमान अध्यक्ष।
  • राज्य/केंद्र सरकार के साथ-साथ सार्वजनिक उपक्रमों और सरकारी स्वायत्त निकायों के वर्तमान या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी।
  • पेंशनभोगी जिनकी मासिक पेंशन 10000 रुपये या उससे अधिक है|
  • सभी लोग जिन्होंने पिछले साल आयकर का भुगतान किया था।
  • डॉक्टर इंजीनियर और वकील और आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर।

राज्य सरकार / केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार की क्या भूमिका है?

यह योजना शत-प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है लेकिन राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों (यूटी) सरकारों की भी कुछ जिम्मेदारियां हैं|

राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों की जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं:-

  • उन्हें योजना के लिए पात्र लाभार्थी किसानों की पहचान करनी होगी।
  • राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को इस योजना के लिए स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी या नोडल अधिकारी को सूचित करना होगा जहां किसान अपने आधार कार्ड के माध्यम से नामांकन करा सकते हैं।
  • राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों को आवेदन विवरण में सुधार की सुविधा के लिए किसानों के लिए समय-समय पर शिविर आयोजित करने होते हैं।

किसान अपना पंजीकरण कहां करा सकते हैं?

  • किसान राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों द्वारा अधिसूचित स्थानीय पटवारी/राजस्व अधिकारी/नोडल अधिकारी पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
  • वे प्रधानमंत्री किसान पोर्टल पर भीअपना पंजीकरण स्वयं कर सकते हैं|
  • वे एक छोटे से शुल्क के भुगतान के बाद कॉमन सर्विस सेंटर में अपना पंजीकरण भी कराते हैं।
  • योजना के लिए आधार अनिवार्य है|

कौन सा मंत्रालय इस योजना का संचालन करता है?

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार भारत में पीएम-किसान योजना का संचालन करती है।

भारत में किसानों का वर्गीकरण :-

भारत में कृषि जनगणना ने भूमि जोत के आधार पर किसानों को पांच श्रेणियों में वर्गीकृत किया है।

वे इस प्रकार हैं :-

  • सीमांत किसान: वे किसान जिनके पास 1 हेक्टेयर से कम कृषि भूमि है|
  • छोटे किसान: वे किसान जिनके पास कम से कम एक हेक्टेयर कृषि भूमि और अधिकतम 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि है।
  • अर्ध-मध्यम किसान: वे किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि और अधिकतम 4 हेक्टेयर तक कृषि भूमि है।
  • मध्यम किसान: वे किसान जिनके पास 4 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि और अधिकतम 10 हेक्टेयर तक कृषि भूमि है।
  • बड़े किसान: वे किसान जिनके पास 10 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि है।


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