भारत सरकार ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के विनिवेश को औपचारिक रूप से रद्द कर दिया

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केंद्र सरकार ने 28 सितंबर 2022 को सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के 100% विनिवेश को औपचारिक रूप से समाप्त  करते हुए  नई दिल्ली स्थित सफल बोलीदाता नंदलाल फाइनेंस एंड लीजिंग लिमिटेड को अयोग्य घोषित कर दिया ।


29 नवंबर 2021 को,  भारत सरकार ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) की 201 करोड़ रुपये में 100% बिक्री को मंजूरी दी थी ।

सरकार ने सौदा रद्द करने का कारण यह बताया कि नंदलाल कंपनी  ने जब सीईएल के लिए बोली लगाई थी तब वह यह  खुलासा करने में विफल रही कि कंपनी के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में एक दिवाला मामला लंबित था ।

सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड

सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर), केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम (सीपीएसई) है।

इसकी स्थापना 1974 में देश में राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और अनुसंधान और विकास संस्थानों द्वारा विकसित स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का व्यावसायिक रूप से दोहन करने के उद्देश्य से की गई थी।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारत सरकार का विनिवेश लक्ष्य

  • 2022-23 के केंद्रीय बजट में भारत सरकार ने 65,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा है।

  • 2021-22 में विनिवेश के माध्यम से भारत सरकार द्वारा जुटाई गई कुल धनराशि 13,531 करोड़ रुपये थी जबकि वर्ष का लक्ष्य 78,000 करोड़ रुपये था ।

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