केन्द्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए सरकार ने एमपी कोटा खत्म किया
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2022-23 के लिए प्रवेश दिशानिर्देशों के अनुसार केंद्र सरकार ने कोटा खत्म कर दिया है जिसके माध्यम से संसद सदस्य केंद्रीय विद्यालयों (केवी) में प्रवेश के लिए नामों की सिफारिश कर सकते थे।
इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों, बच्चों और सांसदों के आश्रित पोते और सेवारत या सेवानिवृत्त केवी कर्मचारियों के बच्चों को प्रवेश देने के लिए विशेष प्रावधान, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के विवेकाधीन कोटे को भी हटा दिया गया है।
क्या था सांसद कोटा और कितनी सिफारिश का था अधिकार ?
सांसदों के कोटे के माध्यम से, प्रत्येक सांसद द्वारा प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में कक्षा एक से नौवीं तक में प्रवेश के लिए 10 छात्रों की सिफारिश की जा सकती थी।
नियम के अनुसार 10 नाम उन बच्चों तक ही सीमित होने चाहिए, जिनके माता-पिता सिफारिश करने वाले सांसद के निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित हैं।
लोकसभा में 543 और राज्यसभा में 245 सांसद हैं जो कि व्यक्तिगत कोटे के तहत सामूहिक रूप से प्रति वर्ष 7,880 छात्रों के प्रवेश की सिफारिश कर सकते थे।
किन्तु आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 में सांसदों के कोटे के तहत 8,164 दाखिले हुए अर्थात निर्धारित सीमा को पार कर गया।
निम्नलिखित दाखिला कोटा बरक़रार रखा गया
दाखिला कोटा में जिन विशेष प्रावधानों को बरकरार रखा गया है उनमें परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र प्राप्त करने वालों के बच्चों का प्रवेश शामिल है
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के प्राप्तकर्ता, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के कर्मचारियों के 15 बच्चे, कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चे, केंद्र सरकार के दिवंगत कर्मचारियों के बच्चे, ललित कला में विशेष प्रतिभा दिखाने वाले बच्चे आदि संबंधित कोटे से दाखिला ले सकेंगे।
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