हंसराज गंगाराम अहीर ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया
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हंसराज गंगाराम अहीर ने 2 दिसंबर 2022 को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया। वह महाराष्ट्र से संबंधित हैं और पेशे से एक कृषक हैं। हंसराज गंगाराम अहीर चार बार सांसद चुने जा चुके हैं और महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं।
वह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) की स्थापना भारत सरकार द्वारा 1993 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 1993 के तहत की गई थी।
आयोग को 102 संविधान संशोधन अधिनियम, 2018 द्वारा एक संवैधानिक दर्जा दिया गया था और , संविधान में एक नया अनुच्छेद 338 बी डाला गया जिसके तहत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन का प्रावधान है ।
आयोग के कार्य
आयोग केंद्र सरकार को पिछड़े वर्ग की सूची में किसी भी समुदाय को शामिल करने की सिफारिश करता है।
यह संविधान या किसी अन्य कानून के तहत सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए प्रदान किए गए सुरक्षा उपायों से संबंधित सभी मामलों की जांच और निगरानी करता है।
यह सरकार को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास पर सलाह देता है और संघ और किसी राज्य के तहत उनके विकास की प्रगति का मूल्यांकन करता है।
एनसीबीसी के सदस्यों की संरचना और योग्यता
एनसीबीसी में 5 सदस्य होते हैं; अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और तीन सदस्य।
अध्यक्ष सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों से संबंधित एक प्रतिष्ठित सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता होना चाहिए।
उपाध्यक्ष और अन्य सभी सदस्य जिनमें से कम से कम दो सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों से सम्बंधितहों ।
आयोग में कम से कम एक सदस्य महिला होगी।
सदस्यों का कार्यकाल
उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और उनका कार्यकाल 3 वर्ष का होता है। वे दो से अधिक कार्यकाल के लिए नियुक्ति के पात्र नहीं होते हैं।
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