आईएमएफ ने वैश्विक विकास पूर्वानुमानों में कटौती की, उच्च मुद्रास्फीति की चेतावनी दी मंदी का खतरा

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अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ  ने 26 जुलाई को फिर से वैश्विक विकास अनुमानों में कटौती की।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • आईएमएफ ने चेतावनी दी कि उच्च मुद्रास्फीति और यूक्रेन युद्ध के कारण अर्थव्यवस्था में वृद्धि नीचे की ओर बढ़ रहा है और अगर अनियंत्रित छोड़ दिया गया तो विश्व अर्थव्यवस्था मंदी के कगार पर पहुँच सकती है।

  • आईएमएफ ने कहा कि वैश्विक वास्तविक जीडीपी वृद्धि अप्रैल में जारी 3.6% के पूर्वानुमान से 2022 में 3.2% तक धीमी हो जाएगी।

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और रूस में मंदी के कारण दुनिया की जीडीपी वास्तव में दूसरी तिमाही में सिकुड़ी है।

  • आईएमएफ ने सख्त मौद्रिक नीति के प्रभाव का हवाला देते हुए अपने 2023 के विकास के अनुमान को 3.6% के अप्रैल के अनुमान से घटाकर 2.9% कर दिया।

  • 1970 के बाद से ग्लोबल ग्रोथ केवल पांच बार 2% से नीचे गिरा है। 

  • 1973, 1981 और 1982, 2009 और 2020 में COVID-19 महामारी की वजह से ग्लोबल ग्रोथ 2% से नीचे  गिरी है और मंदी की स्थिति उत्पन्न हुई है।

  • वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भारत का विकास पूर्वानुमान भी बढ़ते आर्थिक जोखिमों के कारण 0.8 प्रतिशत अंक घटाकर 6.1% कर दिया गया है।

अन्य संस्थानों द्वारा भारत के विकास का पूर्वानुमान

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का 2022-23 में भारत की वृद्धि का अनुमान - 7.2%

  • 2022-23 के लिए एशियाई विकास बैंक का भारत का विकास पूर्वानुमान -  7.2%

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बारे में

  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), एक संयुक्त राष्ट्र (UN) विशेष एजेंसी, की स्थापना 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक नीतियों को सुरक्षित करने के लिए की गई थी।

  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 189 सदस्य देशों वाला एक संगठन है।

  • प्रथम उप प्रबंध निदेशक- गीता गोपीनाथ

  • मुख्यालय- वाशिंगटन, डीसी, यू.एस.

  • प्रबंध निदेशक- क्रिस्टालिना जॉर्जीवा

  • मुख्य अर्थशास्त्री - पियरे ओलिवियर गौरिनचास


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