कंपनी अधिनियम के तहत 'हर घर तिरंगा' अभियान पर खर्च सीएसआर गतिविधि घोषित

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कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि कंपनियां अपने कॉरपोरेट  सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) फंड को हर घर तिरंगा अभियान से जुड़ी गतिविधियों के लिए खर्च कर सकती हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • मंत्रालय द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि ‘इस अभियान से संबंधित गतिविधियों के लिए सीएसआर फंड का खर्च जैसे बड़े पैमाने पर उत्पादन और राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति, पहुंच और प्रवर्धन प्रयास और अन्य संबंधित गतिविधियां सीएसआर गतिविधियां हैं।

  • सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि कंपनियां इन गतिविधियों को कंपनी (सीएसआर नीति) नियम, 2014 के अधीन कर सकती हैं।

  • इसका उद्देश्य लोगों को राष्ट्रीय ध्वज घर लाने और भारत की आजादी के 75वें वर्ष को प्रदर्शित करने के लिए इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करना है। 

कॉरपोरेट  सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर)

  • सीएसआर तहत कंपनियाँ अपने व्यापारिक भागीदारों के साथ सामाजिक और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को उनके हितधारकों के साथ एकीकृत करती हैं।

  • इसे कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत नियंत्रित किया जाता है।

  • सीएसआर को अनिवार्य करने वाला भारत दुनिया का पहला देश है।

  • सीएसआर का प्रावधान उन कंपनियों पर लागू होता है जिनकी कुल संपत्ति ₹500 करोड़ से अधिक है या टर्नओवर ₹1000 करोड़ से अधिक है या शुद्ध लाभ ₹5 करोड़ से अधिक है।

  • कुछ वर्ग की लाभदायक कंपनियों को कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) गतिविधियों के लिए अपने तीन साल के वार्षिक औसत शुद्ध लाभ का कम से कम दो प्रतिशत खर्च करना आवश्यक है।

सीएसआर गतिविधियां

  • शिक्षा का प्रचार-प्रसार

  • लिंग समानता व नारी सशक्तीकरण

  • गरीबी व भूख का उन्मूलन

  • HIV और अन्य बीमारी से लड़ने की तैयारी

  • पर्यावरण संतुलन सुनिश्चित करना

  • शिशु-मृत्यु दर व मातृ-मृत्यु दर में सुधार

  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में योगदान

  • खेलों को बढ़ावा देना, स्लम क्षेत्र का विकास आदि

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