इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो कोलकाता में संपन्न हुआ
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एशिया का सबसे बड़ा सीफूड शो, इंडिया इंटरनेशनल सीफूड 17 फरवरी को कोलकाता में संपन्न हुआ।
खबर का अवलोकन
समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) द्वारा सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम 15 फरवरी से शुरू हुआ।
इसमें G20 देशों पर विशेष ध्यान देने के साथ क्रेता-विक्रेता की बैठक हुई।
कार्यक्रम का उद्घाटन वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने की।
भारत ने 2025 तक समुद्री उत्पादों के निर्यात में 14 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा है और लक्ष्य हासिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस कार्यक्रम में भारत और अन्य देशों के लगभग पांच हजार प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सरकार ने केंद्रीय बजट 2023 में प्रधान मंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना नामक एक नई उप-योजना की घोषणा की और छह हजार करोड़ रुपये आवंटित किए।
भारत के मत्स्य क्षेत्र का महत्व
मत्स्य पालन सबसे तेजी से बढ़ते प्राथमिक उत्पादक क्षेत्रों में से एक है।
भारत दुनिया में जलीय कृषि के माध्यम से मछली का दूसरा प्रमुख उत्पादक है।
भारत दुनिया में मछली का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है क्योंकि यह वैश्विक मछली उत्पादन में 7.7% का योगदान देता है।
वर्तमान में यह क्षेत्र देश के भीतर 28 करोड़ से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है।
नीली क्रांति
मत्स्य पालन के एकीकृत विकास और प्रबंधन के लिए केंद्र प्रायोजित योजना "नीली क्रांति" वर्ष 2016 में शुरू की गई थी।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
2020 में स्वीकृत, यह देश में मत्स्य पालन क्षेत्र पर केंद्रित और सतत विकास के लिए एक प्रमुख योजना है।
यह 15 लाख मछुआरों आदि को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करना चाहता है जो अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों के रूप में इस संख्या का लगभग तीन गुना है।
इसका लक्ष्य वर्ष 2024 तक मछुआरों और मछली श्रमिकों की आय को दोगुना करना है।
इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 के अंत तक 68 लाख रोजगार सृजन की परिकल्पना की गई है।
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