भारत-रूस ने डीएपी उर्वरक आपूर्ति पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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भारत ने 12 अक्टूबर को डीएपी उर्वरकों की आपूर्ति पर रूस के साथ एक "दीर्घकालिक समझौता" ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
डीएपी क्या है?
- डीएपी के रूप में लोकप्रिय डाई-अमोनियम फॉस्फेट भारत में एक पसंदीदा उर्वरक है क्योंकि इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस दोनों होते हैं एवं प्राथमिक मैक्रो-पोषक तत्व होते हैं तथा इसके साथ ही साथ 18 आवश्यक पौधों के पोषक तत्वों के हिस्से मौजूद होते हैं।
- यह अपने उत्कृष्ट भौतिक गुणों और पोषक तत्वों की वजह से बहुत लोकप्रिय उर्वरक है।
- डीएपी पानी में घुलनशील तत्व है क्योंकि इसमें अमोनिया (NH4) होता है और अंततः मिट्टी पर अम्ल प्रभाव छोड़ता है
संयोजन:
- डीएपी में 18% नाइट्रोजन और 46% फास्फोरस होता है।
- IUPAC नाम: डायमोनियम हाइड्रोजन फॉस्फेट
- रासायनिक सूत्र: (NH4)2(HPO4)
प्रमुख बिंदु:
- डीएपी की कीमतों को स्थिर करना है, क्योंकि उच्च मांग के कारण यह कीमत लगातार बढ़ रही है।
- जॉर्डन, मोरोको, चीन आदि जैसे देशों पर निर्भरता को कम करना।
- भारत विश्व में डीएपी का सबसे बड़ा आयातक है।
- चीन विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक है।
- रूस डीएपी के शीर्ष पांच निर्यातकों में आता है।
- भारत में यूरिया के बाद, डीएपी का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है।
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