भारत की एफडीआई रैंक 7वें स्थान पर : अंकटाड

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व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (अंकटाड) के अनुसार, देश में एफडीआई प्रवाह में गिरावट के बावजूद पिछले कैलेंडर वर्ष (2021) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के शीर्ष प्राप्तकर्ताओं में भारत एक स्थान की छलांग लगाकर 7वें स्थान पर पहुंच गया।

  • रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु 

  • देश में ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’ (foreign direct investment – FDI) में 30% की गिरावट होने के बावजूद भारत सातवें स्थान पर है।

  • संयुक्त राज्य अमेरिका (367 अरब डॉलर) एफडीआई का शीर्ष प्राप्तकर्ता देश बना ।

  • FDI प्राप्तकर्ताओं की सूची में चीन (181 अरब डॉलर) और हांगकांग (141 अरब डॉलर) ने भी क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान बरकरार रखा है।

  • शीर्ष 10 एफडीआई प्राप्तकर्ता अर्थव्यवस्थाओं में, केवल भारत के अंतर्वाह में गिरावट देखी गयी है।

  • हालांकि, भारत से बाहिर्वाह एफडीआई (outward FDI) 2021 में 43 प्रतिशत से बढ़कर 15.5 अरब डॉलर हो गयी है।

  • ‘एफडीआई’ क्या है?

  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश या एफडीआई (Foreign direct investment – FDI), दीर्घकालिक लाभ अर्जित करने के इरादे से एक देश की किसी पार्टी द्वारा दूसरे देश में चालू किसी व्यापार या निगम में किया जाने वाला निवेश होता है। एफडीआई के माध्यम से, विदेशी कंपनियां प्रत्यक्ष रूप से दूसरे देश के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में शामिल हो जाती हैं।

  • ‘संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास अभिसमय’ (UNCTAD) के बारे में

  • ‘अंकटाड’ (UNCTAD), 1964 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित एक स्थायी अंतर सरकारी निकाय है।

  • यह संयुक्त राष्ट्र सचिवालय का एक अंग है।

  • ‘अंकटाड’ संयुक्त राष्ट्र महासभा और ‘आर्थिक एवं सामाजिक परिषद’ को रिपोर्ट करता है, लेकिन इसका अपना बजट, सदस्य और नेतृत्व होता है।

  • यह ‘संयुक्त राष्ट्र विकास समूह’ (United Nations Development Group) का भी एक भाग है।



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