इसरो द्वारा लॉन्च किया गया भारत का पहला निजी तौर पर निर्मित रॉकेट, विक्रम-एस

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भारत का पहला निजी विक्रम-एस (सबऑर्बिटल) रॉकेट 18 नवंबर को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • रॉकेट कुल 83 किलोग्राम वजन के तीन पेलोड के साथ 89.5 किमी की ऊंचाई तक पहुंचा।

  • देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि देते हुए स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा डिजाइन किए गए विक्रम-एस ने अपने पहले मिशन में सफलता प्राप्त की।

  • 2020 में केंद्र द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी खिलाड़ियों के लिए खोले जाने के बाद स्काईरूट एयरोस्पेस भारत में पहली निजी तौर पर रॉकेट निर्मित करने वाली कंपनी बन गई है।

  • रॉकेट श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने के बाद लगभग 115 किमी दूर बंगाल की खाड़ी के पानी में सुरक्षित रूप से गिर गया।

  • इस रॉकेट पर दो देसी और एक विदेशी पेलोड्स भी जा रहे हैं। छह मीटर ऊंचा यह रॉकेट दुनिया का पहला ऑल कंपोजिट रॉकेट है। इसमें थ्रीडी- प्रिटेंड सॉलिड लगे हैं ताकि उसकी स्पिन कैपिबिलिटी को संभाला जा सके।  

  • इस रॉकेट के माध्यम से एवियोनिक्स, टेलिमेट्री, ट्रैकिंग, इनर्शियल मेज़रमेंट, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम, ऑनबोर्ड कैमरा, डेटा एक्वीजिशन और पावर सिस्टम की जांच की जाएगी।  

  • यह चेन्नई स्थित अंतरिक्ष स्टार्टअप स्पेसकिड्ज़, आंध्र प्रदेश स्थित एन-स्पेसटेक और आर्मेनिया की बाज़ूमक्यू स्पेस रिसर्च लैब से उपग्रह ले जाने वाली एक उप-कक्षीय उड़ान है।


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