इसरो आगामी चंद्रयान 3 मिशन में अमेरिकी उपकरण ले जाएगा

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का आगामी चंद्रयान 3 मिशन ,संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिक उपकरणों को ले जाएगा। चंद्रयान मिशन 2 में भी अमेरिकी वैज्ञानिक उपकरण  थे। यह जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ. जितेंद्र सिंह ने 22 दिसंबर 2022 को राज्यसभा में दी थी।

उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले पांच वर्षों में विशेष रूप से अंतरिक्ष अन्वेषण में सहयोग के लिए 4 सहकारी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका के अलावा, भारत ने संयुक्त चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए जापान के साथ भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि यूनाइटेड किंगडम के साथ भविष्य के अंतरिक्ष विज्ञान मिशनों में सहयोग के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए एक समझौता है।

उन्होंने कहा, भारत और भूटान ने भारत-भूटानसैट उपग्रह के पेलोड नैनोएमएक्स में ले जाने के विकास पर सहयोग किया, जो इसरो और एपीआरएस-डिजिपीटर द्वारा विकसित एक ऑप्टिकल इमेजिंग पेलोड है । उक्त उपग्रह को दिनांक 26.11.2022 को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया गया था ।एक संचार उपग्रह 'दक्षिण एशिया उपग्रह' 2017 में भारत द्वारा दक्षिण एशियाई देशों को समर्पित किया गया था।

चंद्रमा या चंद्रयान के लिए इसरो मिशन

इसरो ने चंद्रमा का अध्ययन करने के लिए चंद्रयान मिशन लॉन्च किया है । चंद्रयान 1 मिशन को 22 अक्टूबर 2008 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से लॉन्च किया गया था। इसने एक मून इंपैक्ट प्रोब लॉन्च किया जिसे चंद्रमा की सतह पर टकराया गया  और उसनेचंद्रमा की सतह पर पानी की एक छोटी मात्रा की खोज की

चंद्रयान 2 को 2 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया था। मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक रोवर उतारना था। हालाँकि चंद्र लैंडर विक्रम 7 सितंबर 2019 को चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और रोवर प्रज्ञान को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतारने में यह असफल रहा ।

चंद्रयान 3

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ के अनुसार चंद्रयान 3 को जून 2023 में लॉन्च किया जाना है। इसमें केवल एक रोवर और लैंडर शामिल होगा और चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर के माध्यम से पृथ्वी के साथ संचार करेगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)

इसकी स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी

यह भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है।

मुख्यालय: बेंगलुरु

अध्यक्ष: एस सोमनाथ


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