बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 1000 भारतीय इंजीनियरों को प्रशिक्षण देगा जापान
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मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (एमएएचएसआर) के लिए हाई-स्पीड रेल ट्रैक सिस्टम पर कार्य आरंभ करने से पूर्व जापान एक हजार भारतीय इंजीनियरों को विशेष प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है।
महत्वपूर्ण बिंदु:-
- नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने देश में बुलेट ट्रेन को परिचालन के लिए जापान रेलवे टेक्निकल सर्विस (JARTS) के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है।
- इस समझौता के तहत ही हाई-स्पीड रेल ट्रैक सिस्टम पर कार्य आरंभ की जाएगी।
- मुंबई और अहमदाबाद के मध्य तैयार की जा रही बुलेट ट्रेन गिट्टी रहित स्लैब ट्रैक सिस्टम का उपयोग किया जाएगा, जैसा कि जापानी शिंकानसेन हाई स्पीड रेलवे में उपयोग किया जाता है। क्योंकि भारतीय बुलेट ट्रेन में जापानी शिंकानसेन हाई स्पीड रेलवे का उपयोग किया जाएगा।
- गिट्टी रहित स्लैब ट्रैक सिस्टम को जे स्लैब ट्रैक सिस्टम के रूप में जाना जाता है।
- जापानी ट्रैक प्रणाली विश्व में सबसे अच्छा है और इसे तैयार करने के लिए तमाम तकनीशियनों से बहुत उच्च स्तर के कौशल की आवश्यकता होती है।
- इस संबंध में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के अनुसार, ट्रैक HSR सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण भाग है और इसे बहुत उच्च स्तर की सटीकता के साथ बिछाए जाने की आवश्यकता होती है।
- इस कार्य के लिए 20 जापानी विशेषज्ञ भारतीय इंजीनियरों, पर्यवेक्षकों और तकनीशियनों को गहन प्रशिक्षण देंगे और उनके कौशल को प्रमाणित करेंगे।
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (एमएएचएसआर):
- अहमदाबाद से मुंबई के बीच कॉरिडोर की कुल लंबाई 508 किमी है, जिसका 348 किमी हिस्सा गुजरात में आता है और 156 किमी महाराष्ट्र में आता है। शेष चार किलो मीटर का हिस्सा दादरा नगर हवेली में पड़ेगा।
- अहमदाबाद से मुंबई के बीच सफर में कुल 12 स्टेशन स्थापित की जाएगी, जिनमें आठ स्टेशन गुजरात और चार महाराष्ट्र में होंगे।
- नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी राजेंद्र प्रसाद
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