जवाहरलाल नेहरू पोर्ट भारत का पहला पूर्ण लैंडलॉर्ड पोर्ट

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जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (जेएनपी) भारत का पहला प्रमुख 100% लैंडलॉर्ड पोर्ट बन गया है, जिसमें सभी डॉक 'निजी-सार्वजनिक भागीदारी' (पीपीपी) मॉडल पर काम कर रहे हैं।

लैंडलॉर्ड मॉडल

  • इस मॉडल में, सार्वजनिक रूप से शासित बंदरगाह प्राधिकरण (मालिक), एक नियामक निकाय और एक ‘लैंडलॉर्ड’ के रूप में कार्य करता है, जबकि बंदरगाह संचालन संबधी अन्य सभी कार्य निजी कंपनियां करती हैं।

  • बदले में, ‘लैंडलॉर्ड बंदरगाह’ को निजी संस्था से राजस्व का एक हिस्सा प्राप्त होता है।

  • इससे पहले, सरकार ने ‘लैंडलॉर्ड मॉडल’ के आधार पर महाराष्ट्र में दहानू के पास वधावन (भारत का 13 वां प्रमुख बंदरगाह) में एक प्रमुख बंदरगाह स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था।

‘जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह’ के बारे में

  • मुंबई का ‘जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह’, देश के अग्रणी कंटेनर बंदरगाहों में से एक है और लॉयड्स लिस्ट टॉप 100 पोर्ट्स 2021 रिपोर्ट के अनुसार- शीर्ष 100 वैश्विक बंदरगाहों में 26वें स्थान पर है।

  • जवाहरलाल नेहरू पोर्ट कंटेनर टर्मिनल (JNPCT), वर्तमान में 9000 TEU क्षमता वाले जहाजों को संभाल रहा है और उन्नयन के साथ, यह 12200 TEU क्षमता वाले जहाजों को संभाल सकता है।

  • वर्तमान में, भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह हैं- दीनदयाल (पूर्ववर्ती कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मोरमुगाओ, न्यू मैंगलोर, कोचीन, चेन्नई, कामराजार (पहले एन्नोर), वीओ चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया सहित)।

 



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