जम्मू-कश्मीर 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा
विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के प्रभावशाली समूह जी-20 का शिखर सम्मेलन भारत सरकार द्वारा अगले वर्ष 2023 में जम्मू-कश्मीर में आयोजित किया जाएगा।
इस सम्मेलन में चीन, अमरीका, कनाडा, जर्मनी, तुर्की सहित 20 देश हिस्सा लेंगे।
भारत 1 दिसंबर, 2022 से G20 की अध्यक्षता करेगा और वर्ष 2023 में पहली बार G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा।
भारत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के सभी समन्वय के लिए एक समिति के गठन को मंजूरी दे दी है। इस समिति के अध्यक्ष केंद्र शासित प्रदेश के आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव होंगे।
इसके साथ ही समिति के सदस्यों में आयुक्त सचिव (परिवहन), प्रशासनिक सचिव (पर्यटन), प्रशासनिक सचिव (आतिथ्य और प्रोटोकॉल) व प्रशासनिक सचिव (संस्कृति) को शामिल किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधित्व का नेतृत्व कर रहे हैं।
भारत 1999 से जी-20 समूह का हिस्सा है। वहीं 1 दिसंबर 2021 से 30 नवंबर 2024 तक भारत G-20 Troika का भी हिस्सा है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को G20 के लिए भारत का शेरपा नियुक्त किया गया था।
जी-20 समूह
20 देशों का समूह या जी-20 एक बहुपक्षीय संगठन है जिसे 1999 में स्थापित किया गया था।
इस समूह में विश्व के प्रमुख विकसित और विकासशील देश शामिल हैं।
इसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। सदस्य देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका हैं।
जी -20 की अध्यक्षता हर वर्ष अपने सदस्यों के बीच घूमती है, उस देश के साथ जो अपने पूर्ववर्ती और उत्तरवर्ती या उत्तराधिकारी के साथ मिलकर काम करता है, जिसे ट्रोइका भी कहा जाता है, ताकि एजेंडा की निरंतरता सुनिश्चित हो सके। वर्तमान में इटली, इंडोनेशिया और भारत ट्रोइका देश हैं।
इटली 2021 में जी-20 का अध्यक्ष था। इंडोनेशिया 2022 के लिए अध्यक्ष है और भारत 2023 में अध्यक्ष होगा।
जी-20 के नेताओं की पहली शिखर बैठक 2008 में वाशिंगटन, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित की गई थी।
जी-20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है।
जी-20 सदस्य विश्व की जनसंख्या का 60%, विश्व अर्थव्यवस्था का 80% और विश्व व्यापार का 75% हिस्सा हैं।
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