जोशीमठ 'भूस्खलन-अवतलन क्षेत्र' घोषित

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हेमकुंड साहिब और बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार, जोशीमठ को भूस्खलन-अवतलन क्षेत्र घोषित किया गया है।

खबर का अवलोकन

  • उत्तराखंड का जोशीमठ इस समय भू-धंसाव का सामना कर रहा है। लोगों के घरों व सड़कों के बीच बड़ी-बड़ी दरारें देखने को मिल रही हैं। 

  • लोग घरों के गिरने का डर बने रहने की वजह से अपनी रातें कड़कती ठंड में बाहर गुजार रहे हैं। 

  • जोशीमठ उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-7) पर स्थित एक पहाड़ी शहर है।

  • यह शहर एक पर्यटक शहर है क्योंकि यह बद्रीनाथ, औली, फूलों की घाटी, और हेमकुंड साहिब जाने वाले लोगों के लिए विश्राम स्थल के रूप में कार्य करता है।

क्या है जोशीमठ का संकट?

  • जोशीमठ रेत और पत्थर का भंडार है- यह मुख्य चट्टान नहीं है- इसलिए यह बस्ती बसाने के लिए उपयुक्त नहीं था।

  • यहाँ विस्फोट, भारी यातायात आदि से उत्पन्न कंपन से प्राकृतिक कारकों में असंतुलन पैदा हो गया है। उचित जल निकासी सुविधाओं का अभाव भी भूस्खलन का कारण है।

  • सतह के नीचे क्रिस्टलीय चट्टानों में बहुत सारा पानी रिस रहा है, जिससे वे और नरम हो गए हैं।

  • जब पानी को अपने प्राकृतिक मार्ग से बहने नहीं दिया जाता है, तो यह जमीन के ऊपर या नीचे बहुत अधिक दबाव बनाता है।


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