एक बड़ी बेंच द्वारा दिया गया निर्णय बहुमत का गठन करने वाले न्यायाधीशों की संख्या के बावजूद प्रभावी होगा: सर्वोच्च न्यायालय
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19 सितंबर 2022 को सर्वोच्च न्यायालय की 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने एक महतवपूर्ण फैसला देते हुए कहा कि, "एक बड़ी बेंच द्वारा दिया गया निर्णय बहुमत का गठन करने वाले न्यायाधीशों की संख्या के बावजूद प्रभावी होगा। कोर्ट ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि, 7 जजों की बेंच का 4:3 के बहुमत से दिया गया फैसला, सर्वसम्मति से 5 जजों की बेंच के फैसले पर लागू होगा।
खंडपीठ के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 145(5) के तहत, अधिकांश न्यायाधीशों की सहमति को अदालत के फैसले के रूप में देखा जाता है।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी, हेमंत गुप्ता, एमएम सुंदरेश, सूर्यकांत और सुधांशु धूलिया की बेंच ने त्रिमूर्ति फ्रैग्रेंस प्राइवेट लिमिटेड बनाम दिल्ली सरकार के मामले में दूसरे मुद्दे का जवाब देते हुए यह फैसला सुनाया।
मामला क्या था ?
- 2017 में जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस एसके कौल की खंडपीठ ने मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेज दिया।
- सवाल यह था कि "अगर एक सर्वसम्मति से पांच बेंच को सात-न्यायाधीशों की बेंच द्वारा खारिज कर दिया जाता है, जिसमें चार न्यायाधीश बहुमत के लिए बोल रहे हैं और जहां तीन न्यायाधीश अल्पसंख्यक के लिए बोल रहे हैं, तो क्या यह कहा जा सकता है कि पांच-न्यायाधीशों की बेंच को खारिज कर दिया गया है ?"
महत्वपूर्ण तथ्य -
सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ :
- संविधान के अनुच्छेद 145(3) के तहत संवैधानिक पीठ के गठन का प्रावधान है जिसमे कम से कम पांच या अधिक न्यायाधीश होते हैं।
- संवैधानिक पीठ का गठन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा किया जाता है ।
एक संविधान पीठ में न्यायालय के संवैधानिक पीठ की स्थापना कब होती है ?
- इसे निम्नलिखित मामलों में स्थापित किया जा सकता है:
- (i) जब सर्वोच्च न्यायालय की दो या तीन-न्यायाधीशों की पीठों ने एक ही कानून के मुद्दे पर परस्पर विरोधी निर्णय दिए हों।
- (ii) जब भारत के राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 143 के तहत तथ्य या कानून के प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय की राय मांगी हो।
- (iii) जब किसी मामले में संविधान के अनुच्छेद 145(3) की व्याख्या से संबंधित कानून का एक महत्वपूर्ण प्रश्न शामिल हो
सर्वोच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच क्या है ?
- इसमें आमतौर पर 2 या 3 न्यायाधीश होते हैं जो सर्वोच्च न्यायालय में अधिकांश मामलों की सुनवाई करते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या :
- वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की अधिकतम संख्या 34 है।
- भारत के मुख्य न्यायाधीश : न्यायमूर्ति यू यू ललित
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