जस्टिस उज्‍जल भुइयां बने तेलंगाना हाईकोर्ट के पांचवें चीफ जस्टिस

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हैदराबाद के राजभवन में राज्‍यपाल डॉ. तमिलासाई सौदर्यराजन ने न्‍यायाधीश उज्‍जल भुइयां को तेलंगाना के मुख्‍य न्‍यायाधीश के रुप में शपथ दिलायी I 

  • 2019 में अस्तित्‍व में आये तेलगांना के उच्‍च न्‍यायालय में उज्‍जल भुइयां पांचवें न्‍यायाधीश हैं।

  • उन्होंने न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा का स्थान लिया, जिन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।

  • सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति भुइयां को मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी।

  • वह तेलंगाना राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।

  • उच्च न्यायालय - संगठन, शक्तिया और अधिकार

  • उच्च न्यायालयों का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 214, अध्याय 5, भाग 6 के अंतर्गत किया गया है।

  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 216 के तहत प्रत्येक उच्च न्यायालय का गठन एक मुख्य न्यायाधीश तथा एक अन्य न्यायाधीश से मिलकर होता है जो समय समय पर राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

  • इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा अनुच्छेद 217 के तहत होती है।

  • भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श कर राष्ट्रपति अनुच्छेद 222 के तहत उच्च न्यायालय के किसी भी न्यायाधीश का स्थानांतरण किसी दूसरे उच्च न्यायालय में कर सकता है।

  • संविधान के अनुच्छेद 226 के अंतर्गत उच्च न्यायालयों को रिट जारी करने की विस्तृत अधिकार प्राप्त है।

  • वर्तमान में भारत में उच्च न्यायालयों की संख्या 25 है। 

  • भारत का पहला उच्च न्यायालय 1862 ई. में मुंबई में स्थापित किया गया था, जबकि देश का 25वां उच्च न्यायालय आंध्र प्रदेश के अमरावती में 1 जनवरी, 2019 ई. को तेलंगाना हाई कोर्ट के रूप में स्थापित किया गया।

  • वर्तमान में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की वेतन ₹250000 प्रतिमाह तथा उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों का वेतन ₹225000 प्रतिमाह प्राप्त होता है।

  • 104वें संविधान संशोधन विधेयक, 2010 के द्वारा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गयी है।

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