किरीट पारेख पैनल ने 1 जनवरी 2026 से गैस की कीमतों को पूरी तरह से नियंत्रण मुक्त करने का सुझाव दिया है

Tags: committee Economy/Finance

Kirit Parekh panel suggest complete deregulation of Gas prices from 1 January 2026

भारत में गैस मूल्य निर्धारण फॉर्मूले की समीक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा गठित किरीट पारेख पैनल ने 30 नवंबर को भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।पैनल ने 1 जनवरी, 2026 से  भारत में गैस की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने के लिए कई सिफारिशें की हैं।

सितंबर में, सरकार ने उचित मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से देश में उत्पादित गैस के लिए गैस मूल्य निर्धारण फार्मूले की समीक्षा करने के लिए ऊर्जा विशेषज्ञ और पूर्व योजना आयोग (जिसका नाम बदलकर नीति आयोग रखा गया है) के सदस्य किरीट पारिख के नेतृत्व में समिति का गठन किया था।

मुद्दे की पृष्ठभूमि

भारत दुनिया में गैस का एक प्रमुख आयातक है लेकिन भारत में कुछ ऐसे गैस क्षेत्र हैं जो प्राकृतिक गैस का उत्पादन करते हैं।

भारत में मोटे तौर पर दो प्रकार के गैस क्षेत्र हैं।

एक को विरासत गैस क्षेत्र कहा जाता है ।  ये वे गैस क्षेत्र हैं जो सरकार के स्वामित्व वाली ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) को आवंटित किए गए थे। इन क्षेत्रों से उत्पादित गैसों की कीमत सरकार द्वारा तय की जाती है और उपभोक्ताओं को अत्यधिक रियायती मूल्य पर प्रदान की जाती है।

साथ ही ओएनजीसीऔर ओआईएल न तो सरकार को कोई रॉयल्टी देते हैं और न ही सरकार के साथ अपना लाभ साझा करते हैं। ऐसे क्षेत्र से उत्पादित गैस का  भारत के वार्षिक गैस उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा हैं।

अन्य गैस क्षेत्र

अन्य गैस क्षेत्रों का स्वामित्व रिलायंस, वेदांता जैसी निजी कंपनियों के पास है। उन्हें सरकार को रॉयल्टी देनी  होती है । इन गैस क्षेत्रों में मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता है लेकिन अधिकतम मूल्य सरकार द्वारा तय किया जाता है।

पारेख समिति की सिफारिश

  • विरासत गैस क्षेत्र के लिए इसने न्यूनतम मूल्य $ 4 प्रति मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) और अधिकतम मूल्य  $ 6.5/एमएमबीटीयू की सिफारिश की है।
  • इसने हर साल अधिकतम मूल्य की  सीमा को 0.5 अमेरिकी डॉलर/एमएमबीटीयू बढ़ाने की भी सिफारिश की है। इसे 1 जनवरी 2027 से लागू करने का प्रस्ताव है।
  • अन्य गैस क्षेत्र के लिए इसने सिफारिश की है कि 1 जनवरी 2026 से अधिकतम मूल्य  सीमा को हटा दिया जाये । इससे उन्हें मूल्य निर्धारित करने और विपणन रणनीति बनाने की पूर्ण स्वतंत्रता मिलेगी।
  • समिति ने गैस के मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता लाने के लिए प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की भी सिफारिश की है।

भारत में गैस मूल्य तंत्र

सरकार गैस की कीमत प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस-अधिशेष देशों में प्रचलित दरों के आधार पर एक वर्ष में एक तिमाही के अंतराल के साथ निर्धारित करती है।


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