एक साथ चुनावों की जांच करेगा लॉ पैनल
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केंद्रीय कानून मंत्री ने लोकसभा को बताया कि एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के लिए और एक व्यावहारिक रोड मैप तैयार करने के लिए विधि आयोग को भेजा गया था और इस संबंध में एक रूपरेखा तैयार की जा सकती है।
महत्वपूर्ण तथ्य
एक संसदीय समिति ने चुनाव आयोग (ईसी) सहित विभिन्न हितधारकों के परामर्श से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव के मुद्दे की जांच की थी।
इस संबंध में समिति ने कुछ सिफारिशें की हैं।
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के साथ-साथ चुनाव हेतु व्यावहारिक रूपरेखा तैयार करने के लिए तथा आगे की जांच के लिए इस मामले को विधि आयोग के पास भेजा गया है।
21वें विधि आयोग ने अपनी मसौदा रिपोर्ट में कहा था कि लोक सभा और राज्य विधानमंडलों के लिए एक साथ चुनाव कराना व्यवहार्य है जिसे कराने की आवश्यकता है।
एक साथ चुनाव क्या हैं?
वर्तमान में, राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग होते हैं।
एक साथ मतदान भारत में चुनाव को इस तरह से संरचित करने के बारे में है ताकि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकें।
"एक राष्ट्र, एक चुनाव" का विचार एक ऐसी प्रणाली की परिकल्पना करता है जहां सभी राज्यों और लोकसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए।
एक साथ चुनाव की जरूरत
यह चुनाव के संचालन में श्रम, समय और व्यय को कम करता है।
एक अलग मतदाता सूची तैयार करने में व्यय का दोहराव होता है।
इससे प्रशासनिक व्यवस्था और सुरक्षा बलों पर बोझ कम होता है।
विधि आयोग ने 2015 में अपनी 255वीं रिपोर्ट में एकल मतदाता सूची के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी।
इससे सरकार की नीतियों का समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित होता है।
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