मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा

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Monetary Policy Committee maintains Repo rate at 6.5 percent

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने 6 अप्रैल को नीतिगत दरों पर यथास्थिति की घोषणा की

खबर का अवलोकन 

  • भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की और रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा

  • फरवरी में हुई एमपीसी बैठक में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया था। 

  • उस समय आरबीआई ने कहा था कि खुदरा महंगाई को काबू में रखने और उच्च विकास दर को बनाए रखने के लिए प्रमुख नीतिगत दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।

  • स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर स्थिर रहेगी

  • वित्त वर्ष 2023 में देश में अनाज उत्पादन में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 

  • आरबीआई के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में महंगाई में कमी का अनुमान है। 

  • वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी ग्रोथ 6.5% प्रतिशत रह सकती है। वित्त वर्ष 2023 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में चालू खाता घाटा जीडीपी का 2.7% रहा।

रेपो रेट क्या है?

  • रेपो दर वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक (भारत के मामले में आरबीआई) वाणिज्यिक बैंकों को धन की कमी होने पर पैसा उधार देता है। यहां केंद्रीय बैंक प्रतिभूतियां खरीदता है।

मौद्रिक नीति समिति क्या है?

  • संशोधित RBI अधिनियम 1934 की धारा 45ZB के तहत, केंद्र सरकार को मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीतिगत ब्याज दर निर्धारित करने के लिए छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) का गठन करने का अधिकार है।

  • इस तरह की पहली MPC का गठन 29 सितंबर, 2016 को किया गया था।

  • RBI अधिनियम के अनुसार, MPC को एक वर्ष में न्यूनतम चार बार बैठक करनी चाहिए।

  • मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 6 से 8 जून 2023 के बीच होगी।


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