राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने भारत के पहले राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक "परख" को अधिसूचित किया
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हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने सभी बोर्डों के लिये मूल्यांकन दिशा-निर्देश स्थापित करने के उद्देश्य से भारत के पहले राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक "परख" को अधिसूचित किया है।
परख क्या है?
PARAKH पूरा नाम है -समग्र विकास के लिए ज्ञान का प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और विश्लेषण।
यह एनसीईआरटी के एक घटक के रूप में कार्य करेगा।
इसे राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) और राज्य उपलब्धि सर्वेक्षण जैसे आवधिक शिक्षण परिणाम परीक्षण आयोजित करने का भी कार्य सौंपा गया है।
यह ढांचा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 द्वारा परिकल्पित रटकर सीखने पर जोर देने पर रोक लगाने का भी कार्य करेगा।
इसकी टीम में भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा प्रणाली की गहरी समझ रखने वाले प्रमुख मूल्यांकन विशेषज्ञ शामिल किये गए है।
परख का उद्देश्य:
समान मानदंड और दिशा-निर्देश: भारत के सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों में छात्र मूल्यांकन एवं निर्धारण हेतु मानदंड, मानक और दिशा-निर्देश निर्धारित करना।
मूल्यांकन पैटर्न में सुधार: यह 21वीं सदी की कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में अपने मूल्यांकन पैटर्न को बदलने के लिये स्कूल बोर्डों को प्रोत्साहित करने का कार्य करेगा।
मूल्यांकन में असमानता को कम करना: यह राज्य और केंद्रीय बोर्डों में एकरूपता लाएगा जो वर्तमान में मूल्यांकन के विभिन्न मानकों का पालन करते हैं, जिससे अंकों में व्यापक असमानताएंँ पैदा होती हैं।
बेंचमार्क आकलन: बेंचमार्क मूल्यांकन ढांँचा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में निहित मुद्दों को संबोधित करेगा।
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