ओपेक प्लस सदस्य देशों ने की तेल उत्पादन में कटौती, अमेरिकी भंडार में गिरावट

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ओपेक प्लस सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने 5 अक्टूबर को वियना में ढाई साल के बाद बैठक की जिसमें सदस्य देश तेल उत्पादन की मात्रा में बीस लाख बैरल प्रति दिन की कटौती करने पर सहमत हुए।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • उत्पादन में कटौती का यह फैसला नवंबर से लागू होगा।

  • अमेरिका ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगियों द्वारा तेल उत्पादन कोटा में कटौती की आलोचना की है।

  • ओपेक के इस कदम से निम्न और मध्यम आय वाले देशों पर सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

  • इससे पहले ओपेक देशों ने पिछले महीने उत्पादन में सांकेतिक कटौती की थी।

ओपेक प्लस उत्पादन में कमी क्यों कर रहा है?

  • रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद तेल की कीमतें आसमान छू लिया।

  • हाल ही में की गई कटौती वर्ष 2020 के बाद सबसे बड़ी कटौती है जब ओपेक प्लस के सदस्यों ने कोविड -19 महामारी के दौरान उत्पादन में 10 मिलियन बीपीडी की कमी की।

  • यह कटौती तेल की कीमतों को बढ़ावा देगी और मध्य पूर्वी सदस्य राज्यों के लिए बेहद फायदेमंद होगी।

  • इससे लड़खड़ाती वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेल की मांग को कम होगी और कटौती से मुनाफे में वृद्धि होगी।

ओपेक के बारे में

  • यह एक स्थायी, अंतर सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 1960 में ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब और वेनेजुएला द्वारा बगदाद सम्मेलन में की गई थी।

  • इस संगठन का उद्देश्य अपने सदस्य देशों की पेट्रोलियम नीतियों का समन्वय और एकीकरण करना और उपभोक्ता को पेट्रोलियम की कुशल, आर्थिक और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तेल बाजारों का स्थिरीकरण सुनिश्चित करना है।

  • मुख्यालय - वियना (ऑस्ट्रिया)

  • ओपेक के 14 सदस्य देश हैं (ईरान, इराक, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, अल्जीरिया, लीबिया, नाइजीरिया, गैबॉन, इक्वेटोरियल गिनी, कांगो गणराज्य, अंगोला, इक्वाडोर और वेनेजुएला)।

ओपेक प्लस

  • यह ओपेक सदस्यों और दुनिया के 10 प्रमुख गैर-ओपेक तेल निर्यातक देशों का गठबंधन है।

  • अजरबैजान, बहरीन, ब्रुनेई, कजाकिस्तान, मलेशिया, मैक्सिको, ओमान, रूस, दक्षिण सूडान और सूडान।

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