प्रसिद्ध लेखिका गीतांजलि श्री को प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया
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जानी-मानी लेखिका गीतांजलि श्री को उनके उपन्यास 'Tomb of Sand' के लिए उन्हें प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज 2022 से सम्मानित किया गया है।
गीतांजलि श्री अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लेखिका बन गई हैं।
'टॉम्ब ऑफ सैंड' प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली किसी भी भारतीय भाषा की पहली किताब बन गई है।
यह पुस्तक मूल रूप से हिंदी भाषा में 'रेत समाधि' के नाम से प्रकाशित हुई थी। जिसका अंग्रेजी अनुवाद 'टॉम्ब ऑफ सैंड' अमेरिकी अनुवादक डेजी रॉकवेल द्वारा किया गया I
"टॉम्ब ऑफ सैंड" पुस्तक का प्रकाशन ब्रिटेन में टिल्टेड एक्सिस प्रेस द्वारा किया जाता है।
कौन हैं गीतांजलि श्री
गीतांजलि श्री मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की रहने वाली हैं। गीतांजलि श्री ने तीन उपन्यास और कई कथा संग्रह लिखी हैं।
इनके प्रमुख अन्य उपन्यासों में में पुरोहित ,हमारा शहर उस बरस, खाली जगह, अनुगूंज आदि है I
उपन्यास 'Tomb of Sand' का सार
इस उपन्यास में 80 वर्षीय बुजुर्ग विधवा की कहानी है, जो 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद अपने पति को खो देती है।
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के बारे में
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार प्रतिवर्ष यूके या आयरलैंड में प्रकाशित उपन्यास के अनुवाद के लिए दिया जाता है।
बुकर पुरस्कार की स्थापना सन् 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई थी।
इसके तहत प्राप्त 50 हज़ार पाउंड यानी 44 लाख रुपए की धनराशि को अनुवादक एवं लेखक के मध्य विभाजित किया जाता है।
फ्रांस के उपन्यासकार डेविड डिओप को ‘अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2021’ से सम्मानित किया गया था।
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