आरआईएल भारत में जर्मन कंपनी मेट्रो के कैश एंड कैरी कारोबार को खरीदेगी
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भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल)भारत में जर्मन रिटेलर मेट्रो एजी के कैश एंड कैरी कारोबार का अधिग्रहण 500 मिलियन यूरो (4,060 करोड़ रुपये) में करने को तैयार हों गया है ।
सौदे में 31 थोक वितरण केंद्र, भूमि बैंक और भारत में मेट्रो कैश एंड कैरी के स्वामित्व वाली अन्य संपत्तियां शामिल हैं। मेट्रो एजी, जो 34 देशों में संचालित है, ने 2003 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया था ।
कैश एंड कैरी बिजनेस क्या होता है ?
कैश एंड कैरी बिजनेस मॉडल एक प्रकार का थोक व्यापार है जहां ग्राहक अपने द्वारा खरीदे गए सामान के लिए पूरा भुगतान करता है और विक्रेता द्वारा क्रेता को कोई क्रेडिट नहीं दिया जाता है और इसमें खरीदार छोटे व्यवसाय, किराना स्टोर के मालिक आदि होते हैं।
मेट्रो एजी भारत में थोक बी 2 बी (बिजनेस टू बिजनेस) बाजार में काम करता है जिसमें खुदरा विक्रेता और किराना स्टोर, होटल, रेस्तरां और कैटरर्स, कॉर्पोरेट्स, छोटे और मध्यम उद्यम ,कंपनियां और संस्थाएं उसकी ग्राहक हैं ।
बी 2 बी सेगमेंट को कम मार्जिन वाला व्यवसाय माना जाता है और इस कारण कई विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियां जैसे फ्रांस की कैरेफोर आदि देश छोड़ के जा चुकी हैं ।
रिटेल रिटेल आरआईएल की सहायक कंपनी है जो रिलायंस के खुदरा कारोबार को संचालित करती है और भारत की सबसे बड़ी खुदरा कंपनी है। मेट्रो कारोबार की खरीद से रिलायंस रिटेल की बी2बी सेगमेंट में मौजूदगी बढ़ेगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल)
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की स्थापना 1973 में धीरूभाई अंबानी ने की थी
यह भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की कंपनी है
मुख्यालय: मुंबई
अध्यक्ष: मुकेश अंबानी
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