सेबी ने यूपीआई द्वारा डेट सिक्योरिटीज में निवेश की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये की

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भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक कंपनी के सार्वजनिक निर्गम में ऋण प्रतिभूतियों को खरीदने वाले खुदरा निवेशकों के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से भुगतान की निवेश सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है।

  • वर्त्तमान में यह सीमा 2 लाख रुपये है।

  • नया नियम 1 मई 2022 से लागू होगा।

महत्वपूर्ण तथ्य 

ऋण प्रतिभूतियाँ: 

कंपनी को अपने व्यवसाय के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है। कंपनी  बैंकों से ऋण (उधार) लेकर पूंजी जुटा सकता है। लेकिन, बैंकों से लिए गए ऋण को ऋण प्रतिभूतियां नहीं कहा जाएगा।

  • कंपनी के लिए उधार लेकर पूंजी जुटाने का अन्य विकल्प बाजार है, जिसे वित्तीय बाजार के रूप में भी जाना जाता है। जब भी कोई भी कंपनी पूंजी के लिए वित्तीय बाजारमें आता है तो पेपर या दस्तावेज  जारी करता है।

  • इसमें कंपनी द्वारा निवेशको से एक निश्चित राशि मांगी जाती है ,इस वायदा के साथ की वह यह राशी एक निश्चित समय के बाद ब्याज सहित,निवेशकों को वापस  कर देगा।

  • इस तरफ के पेपर या दस्तावेज जारी करने वाले कंपनी पर क़र्ज़ बनता है। इस प्रकार के दस्तावेज को डिबेंचर, बांड आदि  कहा जाता है। चूंकि इसे बाजार में खरीदा और बेचा जा सकता है इसलिए इसे  ऋण प्रतिभूतियां भी कहा जाता है। 

पब्लिक इश्यू  

जब कंपनी अपनी पूंजी की आवश्यकता के लिए आम निवेशक (पब्लिक ) को अपने शेयर या डिबेंचर आदि जारी करके जुटाती है तो उसे पब्लिक इश्यू कहा जाता है।

सेबी अध्यक्ष: माधुरी पुरी बुच

सेबी के लिए कृपया हमारी 28 फरवरी 2022 की पोस्ट भी देखें।

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