सेबी ने सात कृषि जिंसों(कमोडिटी) के फ्यूचर ट्रेडिंग पर रोक लगाई
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- बाजार नियामक सेबी ने बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच गेहूं, कच्चे पाम तेल, मूंग,धान (गैर-बासमती), गेहूं, सोयाबीन, चना, और सरसों के बीज में नए डेरिवेटिव अनुबंध शुरू नहीं करने का निर्देश दिया है।
- भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के मुताबिक नए डेरिवेटिव पर पाबंदी लगाने वाला यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। सेबी के ये निर्देश दिसम्बर 2022 तक लागू होंगे।
- यह सेबी द्वारा 19 दिसंबर, 2021 को वित्त मंत्रालय द्वारा नियामक को निर्देश जारी करने के बाद किया गया था।
- सरकार को डर है कि भविष्य में इन कृषि वस्तुओं के व्यापार में अटकलों से कृषि वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होगी जिस से भारत में खाद्य मुद्रास्फीति और बढ़ेगी।
- भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उपभोक्ता मुद्रास्फीति को 5.3% पर लक्षित किया है।
कमोडिटी एक्सचेंज(जिंस बाज़ार )
- ये ऐसे बाजार हैं जहां विभिन्न वस्तुओं का व्यापार होता है। यहां वस्तुओं का अर्थ उन उत्पादों से है जो अन्य क्षेत्रों के लिए कच्चे माल के रूप में उपयोग किए जाते हैं, जैसे कच्चा पेट्रोलियम तेल, सोना, चांदी, कृषि उत्पादों जैसे गेहूं, चावल, आदि ।
- यह शेयर बाजारों से अलग है जहां किसी कंपनी के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं|
- कमोडिटी एक्सचेंज कमोडिटीज में ट्रेड करने के लिए फ्यूचर्स और ऑप्शंस जैसे डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं।
भारत में कमोडिटी एक्सचेंज को सेबी द्वारा नियंत्रित किया जाता है|
भारत में 19 कमोडिटी एक्सचेंज हैं और छह नेशनल कमोडिटी एक्सचेंज हैं|
नेशनल कमोडिटी एक्सचेंज इस प्रकार हैं|
1.मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स), मुंबई
2.नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनसीडीईएक्स), मुंबई
3.नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई), अहमदाबाद
4.इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आईसीईएक्स), नई दिल्ली
5.एसीई डेरिवेटिव्स एंड कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड, मुंबई
6.यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड, नवी मुंबई।
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