भारतीय नौसेना ने प्रोजेक्ट-75 के तहत कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की छठी और आखिरी पनडुब्बी लॉन्च की

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फ्रेंच स्कॉर्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियों की छठी और आखिरी, वाग्शीर, को मुंबई में मझगांव डॉक्स लिमिटेड (एमडीएल) में लॉन्च किया गया।

  • किसी महिला द्वारा शुभारम्भ अथवा नामकरण की नौसेना परंपराओं को ध्यान में रखते हुए रक्षा सचिव अजय कुमार की पत्नी श्रीमती वीना अजय कुमार द्वारा 'वागशीर' पनडुब्बी का जलावतरण किया गया।

  • इस स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन का करीब 1 वर्ष तक समुद्री परीक्षण होगा, जिसे सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद इसे भारतीय नौसेना में  शामिल किया जाएगा I 

  • आईएनएस वागशीर का नाम हिंद महासागर की गहराई में पाई जाने वाली एक घातक शिकारी मछली के नाम पर रखा गया है I

  • इन पनडुब्बियों का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने मुंबई में फ्रांस नेवल ग्रुप के सहयोग से किया है I  

  • पहली ‘वागशीर’ पनडुब्बी भारतीय नौसेना में, दिसंबर 1974 में कमीशन हुई थी और अप्रैल 1997 में इसकी सेवा को समाप्त कर दिया गया था I 

  • नई वागशीर पनडुब्बी अपने पुराने संस्करण का नवीनतम अवतार है I

  • कलवरी श्रेणी से आने वाली अन्य पांच पनडुब्बियां

आईएनएस कलवरी - इसे 27 अक्टूबर, 2015 को लॉन्च किया गया था और 14 दिसंबर, 2017 को इसे नौसेना में शामिल किया गया था I 

आईएनएस खंडेरी- इसे 12 जनवरी, 2017 को लॉन्च किया गया था और 28 सितंबर, 2019 को नौसेना में शामिल किया था I 

—आईएनएस करंज- इसे 31 जनवरी, 2018 को लॉन्च किया गया था और 10 मार्च, 2021 को नौसेना में शामिल किया गया था I 

—आईएनएस वेला - इसे  6 मई, 2019 को लॉन्च किया गया था और 25 नवंबर, 2021 को नौसेना में शामिल किया गया था I

–आईएनएस वागीर- इसे 12 नवंबर, 2020 को लॉन्च किया गया था और फरवरी 2022 से इसका समुद्री परीक्षण शुरू हो गया है I

  • स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की प्रमुख विशेषताएं 

–स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों में उन्नत ध्वनिक साइलेंसिंग तकनीक, कम विकिरण वाले शोर स्तर, हाइड्रो-डायनामिक रूप से अनुकूलित आकार और दुश्मन पर सटीक हथियारों से अचूक हमला करने की क्षमता जैसी बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं I

–स्कॉर्पीन श्रेणी की इन सबमरीन्स से पानी के भीतर या सतह पर, टॉरपीडो और ट्यूब लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल दोनों के साथ दुश्मन पर हमला किया जा सकता है I

–स्कॉर्पीन पनडुब्बियां कई तरह के मिशन को अंजाम दे सकती हैं, जैसे एंटी-सर्फेश वॉर, एंटी-सबमरीन्स वॉर, खुफिया जानकारी इकट्ठा करना, माइंस बिछाना, क्षेत्र की निगरानी आदि

  • प्रोजेक्ट 75-इंडिया

—प्रोजेक्ट 75 का लक्ष्य कलवरी वर्ग की छह डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बियों का निर्माण करना है जो स्कॉर्पीन-क्लास पर आधारित हैं, जिन्हें एमडीएल (मझगांव डॉक लिमिटेड) में बनाया जा रहा है।

—2007 में स्वीकृत परियोजना 75 (I), स्वदेशी पनडुब्बी निर्माण के लिए भारतीय नौसेना की 30 वर्षीय योजना का हिस्सा है।

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