केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह 27 सितंबर को 'जलदूत ऐप' लॉन्च करेंगे

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केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह 27 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में मंत्रालय के द्वारा विकसित 'जलदूत ऐप' को लॉन्च करेंगे।

जलदूत ऐप ग्राम रोजगार सहायक (जीआरएस) को वर्ष में दो बार (मॉनसून पूर्व और मॉनसून के बाद) चयनित कुओं के जल स्तर को मापने में सक्षम बनाएगा। प्रत्येक गाँव में पर्याप्त संख्या में माप स्थानों (2-3) का चयन करने की आवश्यकता होगी। जो उस गांव में भूजल स्तर के प्रतिनिधि होंगे।

यह ऐप पंचायतों को मजबूत डेटा के साथ सहायता प्रदान करेगा, जिसका उपयोग आगे कार्यों की बेहतर योजना के लिए किया जा सकता है। भूजल डेटा का उपयोग ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) और महात्मा गांधी नरेगा योजना अभ्यास के हिस्से के रूप में किया जा सकता है।

भूजल स्तर में कमी

विभिन्न उपयोगों के लिए ताजे पानी की बढ़ती मांग, वर्षा की अनिश्चितता, जनसंख्या में वृद्धि, औद्योगीकरण और शहरीकरण आदि जैसे कारणों से निरंतर निकासी के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में भूजल स्तर में गिरावट आ रही है।

केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से किए गए गतिशील भूजल संसाधन (2017) के आकलन के अनुसार, देश में  17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के कुल  6,881 मूल्यांकन इकाइयों (ब्लॉक/तालुका/मंडल/वाटरशेड/फिरका) में से 1,186 इकाइयों को 'अति-शोषित' के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जहां 'वार्षिक भूजल निष्कर्षण' 'वार्षिक निकालने योग्य भूजल संसाधन' से अधिक है।

भूजल के कायाकल्प के लिए सरकारी योजना

भारत में जल राज्य का विषय है। हालाँकि केंद्र सरकार ने भारत में भूजल को रिचार्ज करने के लिए कुछ योजना शुरू की है।

अटल भुजल योजना

भारत सरकार ने  भूजल संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए विश्व बैंक की सहायता से 6000 करोड़ की केंद्रीय क्षेत्र की योजना, अटल भुजल योजना  की शुरुआत की है। यह सात राज्यों ;हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश  में 8562 जल संकटग्रस्त ग्राम पंचायतों (जीपी) में सामुदायिक भागीदारी के साथ भूजल संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए कम करेगा ।

यह  योजना 1 अप्रैल 2020 में शुरू किया गया था और यह 5 साल की अवधि के लिए है।

जल शक्ति अभियान

भारत सरकार ने  2019 में  ,देश के 256 जल संकटग्रस्त जिलों में  जल शक्ति अभियान शुरू किया, जो इन क्षेत्रों में भूजल की स्थिति सहित पानी की उपलब्धता में सुधार के लिए काम  करेगा ।

इसके अलावा, भारत के राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2022 के लिए "जल शक्ति अभियान: कैच द रेन" अभियान शुरू किया है।यह  अभियान ,30 नवंबर 2022 तक जारी रहेगा। इस अभियान में  पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण, पारंपरिक जल निकायों के कायाकल्प, गहन वनीकरण आदि पर विशेष जोर दिया है।

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