विश्व महासागर दिवस
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मानव जीवन में महासागरों की महत्वपूर्ण भूमिका और इनके संरक्षण के लिए अनिवार्य प्रयासों के संबंध में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है।
दिवस का उद्देश्य
जैव विविधता, खाद्य सुरक्षा, पारिस्थितिकी संतुलन, जलवायु परिवर्तन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग इत्यादि विषयों पर प्रकाश डालना और महासागरों की वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में दुनिया में जागरूकता पैदा करना ही इस दिवस को मनाने का खास उद्देश्य है।
विश्व महासागर दिवस 2022 की थीम
इस साल वर्ल्ड ओशन डे का थीम- "पुनरोद्धार: महासागर के लिए सामूहिक कार्रवाई" हैI
दिवस का इतिहास
साल 1992 में रियो डी जेनेरियो में हुए 'पृथ्वी ग्रह' नामक फोरम में हर साल विश्व महासागर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था।
कनाडा के इंटरनेशनल सेंटर फॉर ओशन डेवलपमेंट तथा ओशन इंस्टीट्यूट ऑफ कनाडा द्वारा पृथ्वी शिखर सम्मेलन में इसकी अवधारणा का प्रस्ताव रखा गया था।
5 दिसंबर, 2008 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को नामित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया।
महासागर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
पृथ्वी पर कुल पांच महासागर हैं। प्रशांत महासागर (पैसिफिक ओशन), अटलांटिक महासागर (अटलांटिक ओशन), हिंद महासागर (इंडियन ओशन), आर्कटिक महासागर (आर्कटिक ओशन) और अंटार्कटिक महासागर या दक्षिणी महासागर (अंटार्कटिक ओशन)।
प्रशांत सबसे बड़ा और सबसे गहरा महासागर है। मारियाना ट्रेंच पर इसकी गहराई 11,033 मीटर यानी करीब 11 किलोमीटर है।
आर्कटिक ओशन सबसे छोटा और उथला महासागर है।
अटलांटिक महासागर का पानी सबसे ज्यादा नमकीन है। इसके जल में लवणता 3.7 प्रतिशत है।
हिंद महासागर में दुनिया का सबसे नमकीन सागर (लाल सागर) और सबसे अधिक गरम सागर (फारस की खाड़ी) स्थित हैं।
आर्कटिक महासागर सबसे कम नमक वाला सागर है।
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