देश में 5वां प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया गया

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5th Naturopathy Day celebrated across the nation

प्राकृतिक चिकित्सा के फायदों के बारे में लोगों को जागरूक करने और लोकप्रिय बनाने के लिए हर साल 18 नवंबर को प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है।

प्राकृतिक चिकित्सा एक ऐसी प्रणाली है जो शरीर को ठीक करने में मदद करने के लिए प्राकृतिक उपचार का उपयोग करती है। यह जड़ी-बूटियों, मालिश, एक्यूपंक्चर, व्यायाम और पोषण संबंधी परामर्श सहित कई उपचारों को अपनाता है।

नेचुरोपैथी शब्द का प्रयोग जर्मनी के जॉन शील ने 1895 में किया था लेकिन इसे बेनेडिक्ट लस्ट ने लोकप्रिय बनाया था। बेनेडिक्ट लस्ट को आधुनिक प्राकृतिक चिकित्सा का जनक कहा जाता है।

इस दिन की पृष्ठभूमि

इसी दिन महात्मा गांधी ने 18 नवंबर, 1945 को ऑल इंडिया नेचर क्योर फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना की थी। गांधी जी को भारत में प्राकृतिक चिकित्सा का संस्थापकमाना जाता है, क्योंकि उनके प्रयासों से ही यह प्रथा भारत में लोकप्रिय हुई।

18 नवंबर 2018 को भारत में पहला प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया गया।

प्राकृतिक चिकित्सा दिवस 2022

मुख्य कार्यक्रम पुणे में राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में आयोजित किया गया था। इस वर्ष प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की थीम नेचुरोपैथी: एन इंटीग्रेटिव मेडिसिन रखी गई है।

इस अवसर पर 5वें प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष आवरण लिफाफा जारी किया गया। साइकिल रैलियों में भाग लेने वालों को गांधी स्मृति चिह्न दिया गया, जो नई दिल्ली, वर्धा और हैदराबाद से शुरू होकर पुणे में एकत्रित हुए।

स्टार्टअप योगा चैलेंज विजेताओं को प्रमाण पत्र दिए गए। इस कार्यक्रम में 25 से अधिक कॉलेजों के छात्रों ने संकाय सदस्यों के साथ भाग लिया। कार्यक्रम का समापन मलखंभ प्रस्तुति के साथ हुआ।

प्राकृतिक चिकित्सा दिवस 2022 की थीम( विषय )

नेचुरोपैथी दिवस 2022 का विषय था: नेचुरोपैथी: एक एकीकृत चिकित्सा


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