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By admin: Nov. 2, 2022

1. दूसरे चरण की बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा इंटरसेप्टर का पहला सफल उड़ान परीक्षण

Tags: Defence Science and Technology National News

Ballistic Missile Defence (BMD)Interceptor

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 2 नवंबर, 2022 को ओडिशा के तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लार्ज किल एल्टीट्यूड ब्रैकेट के साथ फेज़- II बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर एडी-1 मिसाइल का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया।

इंटरसेप्टर एडी-1 मिसाइल

  • यह एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ विमानों के लो एक्सो-एटमॉस्फेरिक और एंडो-एटमॉस्फेरिक इंटरसेप्शन दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है। 

  • यह दो चरणों वाली सॉलिड मोटर द्वारा संचालित है। 

  • यह मिसाइल के लक्ष्य तक सटीक रूप से मार्गदर्शन करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत नियंत्रण प्रणाली, नेविगेशन और गाइडेंस एल्गोरिदम से लैस है।

  • यह अलग-अलग प्रकार के कई लक्ष्यों पर निशाना साधने की क्षमता रखता है।

  • इस उड़ान-परीक्षण के दौरान सभी उप-प्रणालियों ने अपेक्षाओं के अनुसार प्रदर्शन किया।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO)

  • यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत एक प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास एजेंसी है।

  • इसका उद्देश्य भारत को महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाना है।

  • इसकी स्थापना 1958 में हुई थी।

  • मुख्यालय - नई दिल्ली

  • अध्यक्ष - समीर वी कामत

By admin: Nov. 2, 2022

2. जोजिला युद्ध स्मारक, द्रास में जोजिला दिवस मनाया गया

Tags: National Defence National News

Zojila Day

1 नवंबर 2022 को द्रास के पास जोजिला युद्ध स्मारक में 'ऑपरेशन बाइसन' में भारतीय सैनिकों द्वारा की गई वीरतापूर्ण कार्यवाही का जश्न मनाने के लिए जोजिला दिवस मनाया गया। 'ऑपरेशन बाइसन' 1948 में लद्दाख के प्रवेश द्वार जोजिला दर्रे की बर्फीली ऊंचाइयों पर शुरू किया गया था।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • लेह की फायर एंड फ्यूरी कोर के द्रास वॉरियर्स के कमांडर ने जोजिला दर्रे को पाकिस्तान घुसपैठियों से मुक्त कराने में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुष्पांजलि अर्पित की।

  • जोजिला दिवस भारतीय सेना की बहादुरी का अदम्य प्रतीक है।

  • इस लड़ाई को ऐतिहासिक माना जाता है क्योंकि इतनी ऊंचाई पर पहली बार टैंकों का इस्तेमाल किया गया था। 

  • जोजिला दिवस भारतीय सेना की बहादुरी की अदम्य भावना और 'नेवर से डाई' का प्रतीक है।

जोजिला दर्रे के बारे में 

  • यह राष्ट्रीय राजमार्ग 1 पर स्थित जम्मू और कश्मीर में एक उच्च पर्वतीय दर्रा है।

  • यह कश्मीर घाटी में श्रीनगर को लद्दाख क्षेत्र के लेह से जोड़ता है।

  • इसकी ऊंचाई लगभग 3,528 मीटर (11,575 फीट) है, और यह श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोटू ला के बाद दूसरा सबसे ऊंचा दर्रा है।

  • इसे ‘बर्फीले तूफान के दर्रे’ के रूप में जाना जाता है।

  • वर्ष 2018 में ज़ोजिला सुरंग परियोजना शुरू की गई थी। यह एशिया की सबसे लंबी और रणनीतिक द्वि-दिशात्मक सुरंग है।

जोजिला की लड़ाई के बारे में

  • 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, लद्दाख पर कब्जा करने के अपने अभियान में 1948 में पाकिस्तानी समर्थित आक्रमणकारियों द्वारा ज़ोजिला को जब्त कर लिया गया था।

  • 1 नवंबर, 1948 को ऑपरेशन बाइसन नामक एक हमले में भारतीय सेना द्वारा जोजिला दर्रे पर फिर से कब्जा कर लिया गया था।

  • ज़ोजिला की लड़ाई उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में भारतीय सेना के पहले युद्धों में से एक थी।

  • यह लड़ाई ऐतिहासिक है क्योंकि इतनी ऊंचाई पर टैंकों का पहली बार इस्तेमाल किया गया था।


By admin: Nov. 2, 2022

3. इन-सीटू स्लम पुनर्वास' परियोजना

Tags: National Government Schemes National News

In-Situ Slum

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 नवंबर को 'इन-सीटू स्लम पुनर्वास' परियोजना के तहत दिल्ली के कालकाजी में 3,024 नवनिर्मित ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • वह दिल्ली के विज्ञान भवन स्थित भूमिहीन कैंप में पात्र लाभार्थियों को फ्लैट की चाबियां भी सौंपेंगे।

  • सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा 376 झुग्गी झोपड़ी समूहों में इन-सीटू स्लम पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है।

  • डीडीए ने कालकाजी एक्सटेंशन, जेलोरवाला बाग और कठपुतली कॉलोनी में ऐसी तीन परियोजनाएं शुरू की हैं।

इन-सीटू स्लम पुनर्वास' परियोजना के बारे में

  • परियोजना का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ी समूहों में निवास करने वाले लोगों को उचित सुविधाओं के साथ एक बेहतर और रहने योग्य स्वस्थ   वातावरण प्रदान करना है।

  • चरण I के तहत, आस पास के खाली वाणिज्यिक केंद्र स्थल पर 3024 ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण किया गया है।

  • परियोजना का पहला चरण पूरा हो चुका है और 3024 फ्लैट बनकर तैयार हैं।

  • कालकाजी विस्तार परियोजना के तहत तीन झुग्गी बस्तियों-भूमिहीन कैंप, नवजीवन कैंप और कालकाजी स्थित जवाहर कैंप- का इन-सीटू स्लम पुनर्वास चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है।

  • इन फ्लैटों का निर्माण लगभग 345 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और ये सभी नागरिक सुविधाओं से लैस हैं।

By admin: Nov. 2, 2022

4. अरुणाचल प्रदेश को मिलेगा पूर्वोत्तर का पहला मछली संग्रहालय

Tags: Government Schemes National News

Arunachal Pradesh

मत्स्य पालन मंत्री तागे टाकी ने कहा कि पूर्वोत्तर में अपनी तरह का पहला मछली संग्रहालय जल्द ही अरुणाचल प्रदेश में बनाया जाएगा।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • संग्रहालय केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत एकीकृत एक्वा पार्क (आईएपी) का एक हिस्सा होगा।

  • इसमें राज्य की सभी मछली प्रजातियां होंगी और यह मछुआरों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करेगी।

  • तीन साल पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नीली क्रांति लाने के लिए प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसवाई) के तहत प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक आईएपी की घोषणा की थी।

  • परियोजना की प्रस्तावित लागत 100 करोड़ रुपये  है।

  • चालू वित्त वर्ष में परियोजना के लिए पहली किश्त के रूप में 43.59 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे।

  • ऊंचाई वाले बुल्ला गांव में स्थित मौजूदा तारिन मछली फार्म (टीएफएफ) को आईएपी के रूप में अपग्रेड किया जाएगा जहां यह संग्रहालय बनेगा।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMSSY)

  • यह मत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित एक सतत् विकास योजना है, जिसे आत्मनिर्भर भारत के तहत वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक (5 वर्ष की अवधि के दौरान) सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जाना है।

  • इस योजना के अंतर्गत 20,050 करोड़ रुपए का निवेश मत्स्य क्षेत्र में किया जाएगा।

  • योजना के तहत मछुआरों को बीमा कवर, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाती है।

  • इसका उद्देश्य ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ावा देना है।

  • मत्स्य क्षेत्र में वर्ष 2019-20 के मुकाबले वर्ष 2021-22 तक 14.3 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है।

By admin: Nov. 2, 2022

5. इन्वेस्ट कर्नाटक - 2022 समिट

Tags: Economy/Finance Summits National News

Invest Karnataka

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 2 नवम्‍बर, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट इनवेस्ट कर्नाटक 2022 के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • बेंगलुरु में 2-4 नवंबर से होने वाले इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में 80 से अधिक वक्ता अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।

  • आयोजन के दौरान संबोधित किए जाने वाले प्रमुख विषय नवाचार, स्थिरता, इक्विटी और लचीलापन से संबंधित होंगे।

  • वक्ताओं में अन्‍य लोगों के अलावा कुमार मंगलम बिड़ला, सज्जन जिंदल, विक्रम किर्लोस्कर सहित उद्योग जगत के कुछ शीर्ष नेता शामिल हैं। 

  • सम्मेलन का उद्देश्य संभावित निवेशकों को आकर्षित करना और अगले दशक के लिए विकास एजेंडा स्थापित करना है।

  • सम्मेलन के सत्रों की मेजबानी जर्मनी, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया अलग अलग करेंगे जो अपने-अपने देशों से उच्चस्तरीय मंत्रिस्तरीय और औद्योगिक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत में हैं।

  • आयोजन का वैश्विक स्तर कर्नाटक को अपनी संस्कृति को दुनिया के सामने भी प्रदर्शित करने का अवसर देगा।

By admin: Nov. 2, 2022

6. एक्सपो सेंटर यूएई में अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला

Tags: International News

International book fair

शारजाह बुक अथॉरिटी (एसबीए) द्वारा आयोजित किया जा रहा 41वां अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला 2-13 नवंबर, 2022 तक एक्सपो सेंटर शारजाह में आयोजित किया जाएगा।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह पुस्तक मेला दुनिया भर के कई पुरस्कार विजेता लेखकों, बुद्धिजीवियों एवं अन्य साहित्यिक हस्तियों की मेजबानी करेगा। 

  • मेले की इस वर्ष की थीम ‘स्प्रेड द वर्ड’ है।

  • भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय का प्रकाशन विभाग शारजाह अंतराष्ट्रीय पुस्तक मेले में भाग ले रहा है।

  • प्रकाशन विभाग पाठकों और पुस्तकप्रेमियों को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास एवं स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ी विभिन्न प्रकार की पुस्तकों की पेशकश करेगा। 

  • पाठकों को विभिन्न विषयों पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में 100 से अधिक पुस्तकों और पत्रिकाओं पढ़ने का मौका मिलेगा।

प्रकाशन विभाग के बारे में

  • र्ष 1941 में स्थापित, प्रकाशन विभाग भारत सरकार का एक प्रमुख प्रकाशन गृह है।  

  • प्रकाशन विभाग निदेशालय विभिन्न प्रकार की पुस्तकों और पत्रिकाओं का एक भंडार है।  

  • ये पुस्तकें राष्ट्रीय महत्व के विषयों और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करते हैं।

  • यह विभिन्न भाषाओं में भारतीय इतिहास, संस्कृति, साहित्य, जीवनी, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और रोजगार जैसे विविध विषयों से संबंधित पुस्तकों एवं पत्रिकाओं की पेशकश करता है।

  • इसकी पाठ्य सामग्री प्रामाणिकता के साथ-साथ प्रकाशनों के उचित मूल्य के लिए भी प्रसिद्ध है।

  • इसके के प्रमुख प्रकाशनों में योजना, कुरुक्षेत्र, बाल भारती और आजकल जैसी लोकप्रिय मासिक पत्रिकाओं के साथ-साथ साप्ताहिक रोजगार समाचार पत्र ‘एम्प्लॉयमेंट न्यूज’ शामिल हैं।

  • इसके अलावा, यह सरकार की प्रतिष्ठित संदर्भ वार्षिकी ‘इंडिया ईयर बुक’ भी प्रकाशित करता है।

By admin: Nov. 2, 2022

7. सीडीएफडी ने बच्चों में दुर्लभ आनुवंशिक रोगों के उपचार विकसित करने के लिए अध्ययन शुरू किया

Tags: Science and Technology National News

treatments for rare genetic diseases in children

हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर डीएनए फ़िंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (सीडीएफडी) ने 1 नवंबर, 2022 को बच्चों में बाल चिकित्सा दुर्लभ आनुवंशिक विकार (PRaGeD) का कारण बनने वाले आनुवंशिक उत्परिवर्तन को डिकोड करने के लिए एक देशव्यापी अध्ययन शुरू किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • PRaGeD मिशन जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) द्वारा वित्त पोषित एक अखिल भारतीय पहल है।

  • यह पहल दुर्लभ बीमारियों का कारण बनने वाले जीन की खोज करेगी, उपयुक्त उपचार विकसित करेगी, परामर्श प्रदान करेगी और लोगों में जागरूकता भी पैदा करेगी।

  • इस अध्ययन में देश भर के लगभग 15 अनुसंधान और स्वास्थ्य संस्थान भाग ले रहे हैं। 

  • इस पहल के तहत पांच साल की अवधि में 5,600 परिवारों की जांच किया जाएगा ताकि अनियंत्रित बाल चिकित्सा दुर्लभ आनुवंशिक रोगों के आनुवंशिक कारणों की पहचान की जा सके।

  • एक बार इन बच्चों में आनुवंशिक उत्परिवर्तन का पता चलने के बाद,  शोधकर्ता जानवरों और कोशिका मॉडल में अध्ययन करेंगे ताकि यह समझ सकें कि आनुवंशिक उत्परिवर्तन दुर्लभ बीमारी का कारण कैसे बन रहे हैं।

दुर्लभ आनुवंशिक रोग क्या है?

  • एक दुर्लभ बीमारी कोई भी ऐसी बीमारी है जो आबादी के एक छोटे प्रतिशत को प्रभावित करती है।

  • अधिकांश दुर्लभ रोग अनुवांशिक होते हैं, इसलिए इन्हें दुर्लभ आनुवंशिक रोग कहा जाता है।

  • ये रोग व्यक्ति के पूरे जीवन भर मौजूद रहते हैं, भले ही लक्षण तुरंत प्रकट न हों।

  • भारत में पाई जाने वाली आम दुर्लभ बीमारियां हैं हीमोफिलिया, थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया और बच्चों में प्राथमिक प्रतिरक्षा की कमी, ऑटो-प्रतिरक्षा रोग, लाइसोसोमल भंडारण विकार जैसे पोम्पे रोग, हिर्शस्प्रंग रोग आदि।

  • भारत में दुर्लभ आनुवंशिक बिमारियों का बोझ 7 करोड़ के करीब है और ऐसी बीमारियों से पीड़ित लगभग 30 प्रतिशत बच्चे पांच साल की उम्र से कम हैं।

By admin: Nov. 1, 2022

8. यूपी के रानीपुर को मिला भारत का 53वां टाइगर रिजर्व

Tags: National National News

53rd tiger reserve of India

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने 31 अक्टूबर को कहा कि उत्तर प्रदेश में रानीपुर टाइगर रिजर्व भारत का 53वां टाइगर रिजर्व बन गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यूपी के चित्रकूट जिले में रानीपुर टाइगर रिजर्व दुधवा, पीलीभीत और अमनगढ़ के बाद राज्य में चौथा टाइगर रिज़र्व है।

  • 2018 में आयोजित नवीनतम बाघ जनगणना के अनुसार, भारत में 2,967 बाघ हैं, जिनमें से 173 यूपी में हैं।

रानीपुर टाइगर रिजर्व के बारे में

  • रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य चित्रकूट में और मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से लगभग 150 किमी दूर यूपी-एमपी सीमा पर स्थित है।

  • उत्तरी उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती जंगलों से आच्छादित यह क्षेत्र बाघ, तेंदुआ, भालू, चित्तीदार हिरण, सांभर, चिंकारा और अन्य स्तनधारियों का आवास स्थल है।

  • इसकी स्थापना 1977 में हुई थी, यह उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के मुख्य आकर्षणों में से एक है।

उत्तर प्रदेश में अन्य बाघ अभयारण्य

  • अमनगढ़ जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का बफर जोन है और उत्तर प्रदेश के बिजनौर में स्थित है।

  • दुधवा टाइगर रिजर्व लखीमपुर में स्थित है, पीलीभीत टाइगर रिजर्व पीलीभीत में है।

By admin: Nov. 1, 2022

9. बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने एडवर्ड एम कैनेडी को 'फ्रेंड्स ऑफ लिबरेशन वॉर' सम्मान से नवाजा

Tags: Awards International News

'Friends of Liberation War'

बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश की मुक्ति में योगदान के लिए 31 अक्टूबर को ढाका में पूर्व अमेरिकी सीनेटर एडवर्ड एम कैनेडी को मरणोपरांत प्रतिष्ठित 'फ्रेंड्स ऑफ लिबरेशन वॉर' सम्मान से सम्मानित किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह सम्मान उनके बेटे एडवर्ड एम टेड कैनेडी जूनियर को सौंपा गया।

  • प्रधान मंत्री शेख हसीना ने एडवर्ड कैनेडी सीनियर के योगदान को आभार के साथ याद किया।

  • उन्होंने कहा कि कैनेडी सीनियर ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान अमेरिकी सरकार की भूमिका के बावजूद निर्दोष बंगाली लोगों पर पाकिस्तान द्वारा किए गए नरसंहार के खिलाफ एक साहसिक कदम उठाया।

  • उन्होंने कहा कि कैनेडी सीनियर ने युद्ध समाप्‍त होने तक पाकिस्‍तान को सैन्‍य और आर्थिक सहायता पर रोक लगाने के लिए कडी मेहनत की थी। 

1971 का मुक्ति संग्राम  

  • 1950 के दशक में पाकिस्तान पर सैन्य-नौकरशाही का राज था जो पूरे देश (पूर्वी एवं पश्चिमी पाकिस्तान) पर अलोकतांत्रिक तरीके से शासन कर रहे थे। 

  • शासन की इस व्यवस्था में बंगालवासियों का कोई राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं था। 

  • वर्ष 1970 के आम चुनावों के दौरान पश्चिमी पाकिस्तान के इस प्रभुत्व को बंगालवासियों द्वारा चुनौती दी गई।

  • वर्ष 1970 के आम चुनाव में पूर्वी पाकिस्तान के शेख मुज़ीबुर्र रहमान की अवामी लीग को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ।

  • पश्चिमी पाकिस्तान पूर्वी पाकिस्तान के किसी नेता को देश पर शासन करने के लिए तैयार नहीं था।

  • 26 मार्च, 1971 को पश्चिम पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान में ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू की।

  • इसके परिणामस्वरूप लाखों बांग्लादेशियों को भारत में शरण लेनी पड़ी।

  • बांग्लादेश के स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाली 'मुक्तिवाहिनी सेना' एवं भारतीय सैनिकों की बहादुरी से पाकिस्तानी सेना को हार का सामना करना पड़ा।

  • 6 दिसंबर, 1971 को भारत के हस्तक्षेप से 13 दिनों के युद्ध से एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म हुआ।

By admin: Nov. 1, 2022

10. सरकार ने कृषि में ग्लाइफोसेट के उपयोग को प्रतिबंधित किया

Tags: National National News

 Glyphosate in agriculture

सरकार ने हाल ही में मानव/जानवरों के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरों को देखते हुए, शाकनाशी ग्लाइफोसेट और इसके डेरिवेटिव के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। केवल अधिकृत कीट नियंत्रण ऑपरेटरों को ही इसका उपयोग करने की अनुमति है।

ग्लाइफोसेट के बारे में

  • यह व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला शाकनाशी है जो चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार और घास को नियंत्रित करता है।

  • यह पौधे के विकास के लिए आवश्यक एंजाइम को अवरुद्ध करके काम करता है।

  • इसे 1970 में विकसित किया गया था, और इसका वैज्ञानिक नाम N- (फॉस्फोनोमिथाइल) ग्लाइसिन है।

  • यह उत्पाद मुख्य रूप से कृषि में उपयोग किया जाता है।

  • ग्लाइफोसेट और इसके फॉर्मूलेशन व्यापक रूप से पंजीकृत हैं और वर्तमान में यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 160 से अधिक देशों में उपयोग किए जाते हैं.

  • दुनिया भर के किसान 40 से अधिक वर्षों से सुरक्षित और प्रभावी खरपतवार नियंत्रण के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं.

  • भारत में, ग्लाइफोसेट को केवल चाय के बागानों और चाय की फसल के साथ गैर-रोपण क्षेत्रों में उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है। कहीं और इसका उपयोग अवैध है।

  • इसका उपयोग 20 से अधिक फसल वाले खेतों में किया जा रहा था।

ग्लाइफोसेट के स्वास्थ्य प्रभाव

  • देश में ग्लाइफोसेट के उपयोग की स्थिति पर पैन इंडिया द्वारा 2020 के एक अध्ययन में चिंताजनक निष्कर्ष सामने आए थे।

  • ग्लाइफोसेट के स्वास्थ्य प्रभाव कैंसर, प्रजनन और विकासात्मक विषाक्तता से लेकर न्यूरोटॉक्सिसिटी और इम्यूनोटॉक्सिसिटी तक होते हैं।

  • इसके लक्षणों में जलन, सूजन, त्वचा में जलन, मुंह और नाक में दर्द, अप्रिय स्वाद और धुंधली दृष्टि शामिल हैं।

  • गैर-निर्दिष्ट क्षेत्रों में ग्लाइफोसेट के बड़े पैमाने पर उपयोग के गंभीर परिणाम होते हैं।

  • ग्लाइफोसेट सहित सभी खरपतवारनाशी का उपयोग खाद्य संसाधनों को समाप्त कर रहा है और उन्हें पर्याप्त पोषण से वंचित कर रहा है।



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