अमित शाह ने चंडीगढ़ में मादक पदार्थों की तस्करी, राष्ट्रीय सुरक्षा पर सम्मेलन का उद्घाटन किया
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 30 जुलाई, 2022 को “नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सम्मेलन” का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस सम्मेलन के दौरान, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई में 30,000 किलोग्राम से अधिक नशीली दवाओं को जलाया गया और उनका निपटान किया गया।
NCB ने 1 जून 2022 को ड्रग डिस्पोजल कैंपेन की शुरुआत की थी।
29 जुलाई तक 11 राज्यों में 51,217 किलोग्राम से अधिक नशीले पदार्थों का निपटारा किया जा चुका है।
NCB ने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के एक भाग के रूप में, 75000 किलोग्राम नशीली दवाओं के निपटान का संकल्प लिया है।
भारत में नशीली दवाओं की लत
भारत विश्व के दो सबसे बड़े अफीम उत्पादक क्षेत्रों (एक तरफ ‘गोल्डन ट्रायंगल’ और दूसरी तरफ ‘गोल्डन क्रिसेंट’) के बीच स्थित है।
‘गोल्डन ट्रायंगल’ क्षेत्र में थाईलैंड, म्याँमार, वियतनाम और लाओस शामिल हैं।
‘गोल्डन क्रिसेंट’ क्षेत्र में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान शामिल हैं।
वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत (विश्व में जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा निर्माता) में प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाओं और उनके अवयवों को मनोरंजक उपयोग के साधनों में तेज़ी से परिवर्तित किया जा रहा है।
भारत वर्ष 2011-2020 में विश्लेषण किये गए 19 प्रमुख डार्कनेट (काला बाज़ारी) बाज़ारों में बेची जाने वाली दवाओं के शिपमेंट से भी जुड़ा हुआ है।
सामाजिक न्याय मंत्रालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की 2019 में मादक द्रव्यों के सेवन की मात्रा पर जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 3.1 करोड़ भांग उपयोगकर्त्ता हैं (जिनमें से 25 लाख आश्रित उपयोगकर्त्ता थे)।
भारत में 2.3 करोड़ ओपिओइड उपयोगकर्त्ता हैं (जिनमें से 28 लाख आश्रित उपयोगकर्त्ता थे)।
अन्य संबंधित पहलें
नार्को-समन्वय केंद्र- नार्को-समन्वय केंद्र (NCORD) का गठन नवंबर 2016 में किया गया था और "नारकोटिक्स नियंत्रण के लिये राज्यों को वित्तीय सहायता" योजना को पुनर्जीवित किया गया था।
प्रोजेक्ट सनराइज- इसे 2016 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में बढ़ते एचआईवी प्रसार से निपटने के लिए शुरू किया गया था, खासकर उन लोगों के बीच जो ड्रग्स का इंजेक्शन लगाते हैं।
NDPS अधिनियम- यह व्यक्ति को किसी भी मादक दवा या मनोदैहिक पदार्थ के उत्पादन, रखने, बेचने, खरीदने, परिवहन, भंडारण और/या उपभोग करने से रोकता है।
NDPS अधिनियम में अब तक तीन बार संशोधन किया गया है - 1988, 2001 और 2014 में।
यह अधिनियम पूरे भारत के साथ-साथ भारत के बाहर के सभी भारतीय नागरिकों और भारत में पंजीकृत जहाज़ो एवं विमानों पर कार्यरत सभी व्यक्तियों पर भी लागू होता है।
नशा मुक्त भारत- सरकार ने 'नशा मुक्त भारत' या ड्रग मुक्त भारत अभियान शुरू करने की भी घोषणा की है जो सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों पर केंद्रित है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो(NCB) के बारे में
NCB की स्थापना 1986 में की गई थी।
NCB एक भारतीय केंद्रीय कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसी है।
यह गृह मंत्रालय के तहत काम करती है।
यह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के प्रावधानों के अनुसार मादक पदार्थों की तस्करी के साथ-साथ अवैध पदार्थों के उपयोग से निपटने में मदद करती है।
यह भारत में राज्य सरकारों और अन्य केंद्रीय विभागों के साथ दवाओं से संबंधित मामलों पर समन्वय करती है।
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