अनामलाई टाइगर रिजर्व ने हाथी गोद लेने की योजना शुरू की
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नवंबर 2022 में तमिलनाडु स्थित ‘अनामलाई टाइगर रिजर्व’ (एटीआर) ने ‘हाथी दत्तक ग्रहण योजना’ का अनावरण किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
एटीआर ने एक हाथी दत्तक ग्रहण कार्यक्रम शुरू किया है जिसमें गैर-सरकारी संगठन, संस्थान, ट्रस्ट या व्यक्ति वन विभाग के शिविर में हाथियों की लागत को प्रायोजित कर सकते हैं।
मार्टिन ग्रुप ऑफ कंपनीज, मार्टिन ट्रस्ट की निदेशक और रोटरी क्लब ऑफ कोयंबटूर आकृति के 'गो ग्रीन' कार्यक्रम की जिला समन्वयक लीमा रोज मार्टिन ने कोझीकामुथि हाथी शिविर के 2 हाथियों अभिनय और संजीव को 1 साल के लिए गोद लिया।
हाथी दत्तक ग्रहण योजना के तहत, कोई भी दानदाता जो हाथियों को गोद लेने का इच्छुक है, उसे आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80G के तहत छूट दिए जाने की बात की जा है ।
7 नवंबर 2022 को, लीमा रोज मार्टिन ने 3 महीने के लिए 2 हाथियों के खर्चों को पूर्ण करने के लिए 1,86,720 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट सौपा है।
अनामलाई टाइगर रिजर्व (एटीआर)
एटीआर, तमिलनाडु के चार टाइगर रिज़र्व में से एक है। यह दक्षिणी पश्चिमी घाट का ही भाग है। यह वर्ष 2003 में घोषित अनामलाई परंबिकुलम एलीफेंट रिज़र्व का भाग है।
यह पूर्व में चिनार वन्यजीव अभयारण्य और दक्षिण-पश्चिमी में एराविकुलम नेशनल पार्क तथा परम्बिकुलम टाइगर रिज़र्व से घिरा हुआ है।
यह रिज़र्व केरल के नेनमारा वाज़चल, मलयत्तुर और मरयूर आरक्षित वनों से भी घिरा हुआ है।
इस अभयारण्य में पाई जाने वाली पर्वत श्रेणियों में अमरावती, उदुमलपेट, पोलाची, उलेडी और वलपरई आदि शामिल हैं।
इस क्षेत्र में पाई जाने वाली जनजातियों में कादर, मालासर, मलमलसर, पुलायार, मुदुवर और एरावलान शामिल हैं।
यहाँ पाए जाने वाले मुख्य स्तनधारियों में एशियाई हाथी, सांभर, चित्तीदार हिरण, बार्किंग हिरण, माउस हिरण, गौर, नीलगिरि तहर, बाघ, आदि शामिल हैं।
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