आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ में भारतीय मुद्रा परिषद और मुद्रा मेले के 104वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया

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104th Annual Conference of the Indian Currency Council and Currency Fair

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान, गोमतीनगर,लखनऊ के प्रांगण में राज्य संग्रहालय में आयोजित भारतीय मुद्रा परिषद के 104वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि मुद्रा किसी भी देश की संस्कृति एवं सभ्यता का प्रतिबिम्ब होती है। इससे तत्कालीन इतिहास एवं अर्थव्यवस्था की जानकारी मिलती है, जिससे हमारी आगामी पीढ़ियों को हमारी समृद्ध संस्कृति का ज्ञान होता है।

राज्यपाल ने कहा कि सिक्कों पर प्राप्त तिथियां एवं अंकन उस कालखण्ड के इतिहास व संस्कृति की जानकारी का सशक्त माध्यम है, क्योंकि सिक्के तत्कालीन धर्म एवं दर्शन व सामाजिक जीवन को प्रतिबिम्बत करते हैं।

उन्होंने राजभवन में एक सिक्का एल्बम रखने की घोषणा की। इस अवसर पर राज्यपाल ने शोध पत्रों के संकलन पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया।

इस अवसर पर भारतीय मुद्रा परिषद के 104वें सम्मेलन के अध्यक्ष प्रो0 मक्खन लाल, मुद्रा परिषद के महासचिव प्रो0 पी0एन0 सिंह, विशेष सचिव संस्कृति आनंद कुमार, राज्य संग्रहालय के निदेशक डा0 आनंद कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में देश भर से आये मुद्रा संरक्षक मौजूद थे।

मुद्राशास्त्र

सिक्के, टोकन, कागज के पैसे और समान रूप और उद्देश्य की वस्तुओं के व्यवस्थित संचय और अध्ययन को न्यूमिज़माटिक्स या मुद्राशास्त्र  कहा जाता है।


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