जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में भारत और नेपाल के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी
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प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेपाल सरकार के साथ जैव विविधता संरक्षण पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने से सम्बन्धित पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
एमओयू का उद्देश्य :
MoU का उद्देश्य दोनों देशों के बीच वन, वन्य जीवन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना है।
जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग व समन्वय को बढ़ाना एवं मजबूत करना।
महत्वपूर्ण तथ्य -
भारत दुनिया के 17 मेगा-विविध देशों में से एक है और यह वन्यजीव आबादी और जैव विविधता के संरक्षण के लिए कई कदम उठा रहा है।
यह गलियारों और इंटरलिंकिंग क्षेत्रों की बहाली और ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में मदद करेगा।
भारत सरकार ने देश में और पड़ोसी देशों की सीमाओं के पार विशाल वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के लिए कई कानूनों, नीतिगत पहलों को अपनाया है।
भारत में जैव विविधता हॉटस्पॉट :
हिमालय - भारत, नेपाल, भूटान, तिब्बत, पाकिस्तान, म्यांमार को कवर करने वाला संपूर्ण हिमालय क्षेत्र
इंडो-बर्मा क्षेत्र - संपूर्ण उत्तर पूर्व क्षेत्र (असम को छोड़कर), यह म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस, चीन के दक्षिण के क्षेत्र को भी कवर करता है।
पश्चिमी घाट - पश्चिमी घाट का पूरा क्षेत्र
सुंदरलैंड - भारत में द्वीपों का निकोबार समूह और मलेशिया, सिंगापुर, ब्रुनेई, फिलीपींस जैसे अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को भी कवर करता है।
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